रविवार, 10 सितंबर 2023

कविता :"हिंदी दिवस "

"हिंदी दिवस "
 ये शाम है बहुत सुहानी | 
जहां पर हो रही है कविताएं की बारिश 
नन्हे -मुन्हे की अपनी कहानी | 
बड़ों ने इस पर है जान डाली 
हिंदी के अछर है याद दिलाता | 
इसकी महत्व की गीत  सुनाते 
इस महफ़िल में सब गुन गुनाते | 
हिंदी की मिलकर मान बढ़ाते 
ये शाम है बहुत सुहानी | 
जहाँ पर हो रही है कविताओ की बारिश 
कवि :कुल्दीप कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

रविवार, 3 सितंबर 2023

कविता:"समय "

"समय "
 समय के साथ सब बदल रहा है | 
पहले हर वक्त शोर मचाते थे 
अब शांत रहने में मज़ा आ  रहा है | 
समय के साथ सब बदल रहा है 
पहले  सब के साथ मिल कर रहते थे  | 
अब अकेले रहने में मज़ा आ रहा है  
समय के साथ सब बदल रहा है | 
 जो बातें सब के साथ शेयर किया करते थे 
अब वह बातें छिपाने में मज़ा आ रहा है |  
समय के साथ सब बदल रहा है 
कवि :कामता कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

बुधवार, 16 अगस्त 2023

कविता : " खुद की दुनियाँ "

 "  खुद की दुनियाँ "
काश खुद का एक दुनिया होता |  
दिन रात सपनों में होता 
टिमटिमाते हुए तारों  देखता | 
गोल से  चाँद को ताकत 
अपनी भी एक दुनिया होता | 
उसमे मैं राजा होता 
काश खुद का एक दुनियाँ होता | 
परिंदों की तरह भटकता ना फिरता 
 अपनी जिंदगी मजे से जीता | 
काश खुद का  दुनिया होता 
कवि :अजय कुमार ,कक्षा:9th
 अपना घर  

सोमवार, 14 अगस्त 2023

कविता :"छवि "

"छवि "
 अपनी छवि को देख देख | 
सही गलत समझ नहीं पा रहा हूँ 
अब छोटी छोटी बातों में भी | 
उदास रहने लगा हूँ 
कभी कभी सोचता हूँ | 
कि अपने भूत भूल जाऊँ 
पर जितना भूलना चाहता हूँ |
 उतना ही याद करने लगा हूँ 
भविष्य में क्या करना है | 
ये भी नहीं सोच  रहा हूँ 
जब भी उनकी तस्वीर देखता हूँ | 
तब तब रोने लगा हूँ 
कवि :महेश कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

रविवार, 13 अगस्त 2023

कविता :"आज़ादी "

"आज़ादी "
 आज़ादी की राह थी मुश्किल | 
लोग भूल गए जान गई थी जिनकी 
सब अपना -अपना  काम बनाते | 
स्वतंत्र दिवस पर इनके नाम गाते 
कितने भोले है यह इंसान | 
कुछ खो बैठे है अपना ही इमान 
कितना संघर्ष था उनके जीवन में | 
 फिर भी जान दे दी आज़ादी लेने में 
अब लोगो को फर्क नहीं पड़ता इसपर | 
आपस में ही लड़ रहे है दिन भर 
आज़ादी की राह थी मुश्किल | 
लोग भूल गए जान गई थी जिनकी 
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

शुक्रवार, 11 अगस्त 2023

कविता "हौसला है बुलंद "

"हौसला है बुलंद "
जिंदगी अब वीरान सी  गई है 
हर वक्त बस  समय मार हो गई 
जो सपने देखे खुद के अपने 
वो अब बे जान सी हो  गई है 
दिन अब रात भी लगने लगे है 
इस वक्त की मार से आँखों से उड़ने लगे है
हौसला अभी भी बुलंद है उस सपने को लेकर 
बस मुझे पल और समय का इंतजार है 
ये जिंदगी अब वीरान सी हो गई है 
कवि: पंकज कुमार ,कक्षा :8th 
अपना घर 

 

रविवार, 6 अगस्त 2023

कविता : " रिम - झीम -रिम झीम बारिश आई "

" रिम -  झीम -रिम झीम  बारिश आई "


  रिम -  झीम -रिम झीम  बारिश आई | 

यँहा -वँहा काले -काले बादल आए | 

खूब गरज कर शोर मचाए | 

बारिश होने को बतलाए | 

रिम -झिम रिम -झिम बारिश आई | 

गर्मी से ,अब राहत आई | 

यँहा -वँहा बादल छाए | 

बच्चे बारिश में अब खूब नहाए | 

रिम -झिम रिम -झिम बारिश आई | 

यँहा -वँहा बादल छाए |  

                                                                                                            कवि :सनी कुमार  ,कक्षा :12 

                                                                                                                                  अपना घर  

शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

कविता : " सफर"

 " सफर"

 कहाँ से कहाँ आ गया 

और भी किधर है जाना 

अंजान हूँ हर एक अगले कदम का 

मैं तो सिर्फ चलता जा रहा हूँ 

न होश है न खबर 

मैं और मेरा सफर 

डरा हूँ सोंच उस बारे में 

जो आने वाला कल भर में है 

टूट बिखर या चलता ही बनूँगा 

इस अपनी एक सफर में थककर हारूंगा या बुझ कर 

फिर चमक खिलूँगा 

मैं बेघर इस ख़ामोशी सफर का 

बस है इंतजार  उस किनारे तक का 

मैं और मेरा सफर 

कवि :पिंटू कुमार ,कक्षा :8 

अपना घर

  

कविता : "वह गाँव की यादें को बिखरना "

"वह गाँव की यादें को बिखरना "

वह गाँव की यादें को बिखरना 
अच्छा होता गाँव  में ही  रहना 
बस कुछ सालों की ही तो बात है 
ये सब जो पुरानी याद है 
यादों का बिखरना 
अच्छा होता गाँव  में ही रहना 
यादों  का याद करके 
सोचता हूँ मस्त मगन हो के 
इस याद को कभी नहीं है भूलना 
जिस में गुजरा है मेरा बचपना 
वह गाँव की यादों को बिखरना 
अच्छा होता गाँव में रहना 
                                                                                                          कवि :पंकज कुमार ,कक्षा :8 
                                                                                 अपना घर 

गुरुवार, 3 अगस्त 2023

कविता : " जिंदगी एक लड़ाई है "

" जिंदगी एक लड़ाई है "

जिंदगी एक लड़ाई है 

जितना लड़ सको उतना ही भलाई है 

मेहनत का काम ही है 

आगे का रास्ता दिखाना 

लड़ाई का काम ही  है 

तुम्हारी साहस दिखाना 

चाहे तुम जितना  अच्छा खाना 

खा लो 

पर तुम हो जाओगे मोटे 

कुछ बदलाव नहीं आएगा  

और हो  जाओगे छोटे 

तुमने पढ़ाई नहीं की थी 

तुमने लड़ाई नहीं की थी 

इसी  लिए सब से कहते है 

जिंदगी एक लड़ाई है 

जितना लड़ सको उतना ही भलाई है 

                                                                                                                                                                                                                                                                                                      कवि :गोविन्दा कुमार 

                                                                                                                                 कक्षा :7 

                                                                                                                                अपना   घर 

शनिवार, 29 जुलाई 2023

कविता :"बारिश "

"बारिश "
 रिमझिम -रिमझिम बारिश आई | 
गर्मी से अब रहत पाई 
यंहा -वंहा हरियाली आई | 
पेड़ -पौधों में खुशियाली आई 
हम भाइओ की मस्ती छाई |  
सावन की महीना आई 
भाइओ ने प्रेम जगाया | 
सावन का महीना आया 
कवि :गोपाल  कुमार ,कक्षा :6th 
अपना घर 

बुधवार, 26 जुलाई 2023

कविता :"सपना "

"सपना "
सपने में आता है वह ख्याव | 
जंहा है खुशियों का स्वाद 
पानी की बूंद है वंहा | 
हवाओ से  मरा है जंहा 
हर पल सुहाना होता है | 
संगीत भी तराना होता है 
फूंलों की महक है | 
समुद्र की लहरों की झनक है 
सपनो में आता है वह ख्याव | 
जंहा है खुशियाँ का स्वाद 
कवि :नीरू कुमार ,कक्षा :7th 
अपना घर 

सोमवार, 24 जुलाई 2023

कविता :"चिड़िया "

"चिड़िया "
 चिड़िया रानी बड़ी सयानी | 
हर रंग की है प्यारी प्यारी 
दाना चुगना इनका काम | 
उड़े है ऊँचे आसमान 
ची -ची करते दिन भर | 
सबसे प्यारे होते है इनके पर 
लाल गुलाबी हरे पीले | 
हर पेड़ों  पर है ये झूले 
चिड़िया रानी बड़ी सयानी | 
हर रंग की है प्यारी -प्यारी 
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 
 

रविवार, 23 जुलाई 2023

कविता :"संघर्ष "

"संघर्ष "
 जीवन में एक पल पाया हूँ | 
संघर्ष से आगे बढ़ने को 
इस मौके को हौसलों से सजाया हूँ | 
जीवन में एक सितारा बनने को 
छोड़ चुका हूँ अपना घर दुवार | 
जीवन में कुछ पाने के लिए 
जीवन में एक पल पाया हूँ | 
कुछ बड़ा करने को
सपनो की दुनिया को सजाने को | 
जीवन में एक पल पाया हूँ 
दूसरों की मदद करने को | 
संघर्ष से आगे बढ़ने को  
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

बुधवार, 19 जुलाई 2023

कविता:"अनोखा "

"अनोखा "
 सब सोचते है कुछ  अनोखा कर जाऊ | 
अपने भारत देश नाम रोशन कर जाऊ 
सफलता की हर एक सीढ़ी पर | 
संघर्ष के  राह छोड़ जाऊ 
उगते सूरज की तरह | 
एक रोशनी का दीप बनकर बिखर जाऊ 
बहती नदिंया के लहरों में दिशा बन जाऊ |  
समुद्र तक छोड़ने  उसका साथी बन जाऊ 
सब सोचते है कुछ अनोखा कर जाऊ | 
टूटे रिश्ते में एक प्यार बन जाऊ 
सब लोग भाई चारा से रहे | 
ऐसा एक देश बन जाऊ 
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

मंगलवार, 18 जुलाई 2023

कविता: "दोस्ती "

"दोस्ती "
 दोस्त उसे बनो जो दोस्ती के काबिल हो | 
जो जरूरत पड़ने पर हर वक्त हाजिर हो 
जिस पर बिना शक किये | 
भरोसा करने पर वाजिब हो 
दुःख के पथ हो या खुसी के घडी | 
जिसको सिर्फ तुम्हारी फ़िक्र हो पड़ी 
सुख के वक्त तो ऐसा लगे जैसे | 
किसी पौधे पर हो गुलाब की काली 
उसकी या हमरी आँखे नम न हो | 
एक दूसरे की ख़ुशी देखकर गम न हो   
दोस्तों की ऐसी दोस्ती हो | 
जिसका प्यार कभी काम न हो 
कवि :सार्थक कुमार। कक्षा 12th
अपना घर 

सोमवार, 17 जुलाई 2023

कविता :"बारिश "

"बारिश "
 रिमझिम रिमझिम बारिश हो रही  है|  
रुकने का नाम नहीं ले रही है 
बादल बने है काले घने | 
उमड़ उमड़कर साथ में आ  रहे है 
चारो ओर अँधेरा है छाई | 
बन रही है घटा आज 
लगता है बारिश होने वाली है | 
कुछ बूंद गिरने शुरू हो गए 
धीरे धीरे बदल भी गरजने लगे|  
रिमझिम रिमझिम बारिश हो रही है 
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर  

रविवार, 16 जुलाई 2023

कविता :"मंजिल "

"मंजिल "
 मै मंजिल की रह में निकला हूँ | 
सारी कठिनाई से लड़ता हूँ 
कभी उदास होता हूँ | 
तो  गिर कर संभालता हूँ 
सारी हिम्मत को इक्क्ठा कर | 
अपने लक्छ्य की ओर एक कदम मै बढ़ता हु न 
तब जाकर मै थोड़ा सुकून सा पाता हूँ | 
कभी बड़े भाई  मदद से 
खुद को मोटिवेट करता हूँ | 
मै मंजिल की राह में निकला हूँ 
सारी कठिनाई से लड़ता हूँ | 
कवि :सार्थक कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

सोमवार, 3 जुलाई 2023

कविता :"गर्मी की छुट्टी "

"गर्मी की छुट्टी "
 गर्मी की छुट्टी हो गई ख़त्म | 
दो दिन के बाद स्कूल जायेंगे हम 
45 दिन तक नहीं मिले अपने दोस्तों से | 
लेकिन अब मिलेंगे प्रति दिन उनसे 
क्यूँकि अबसे स्कूल जायेंगे हर एक दिन | 
अभी परीक्षा आने में है 21 दिन 
रहकर घर में हो गए है बोर | 
स्कूल जांयेंगे तो होगा थोड़ा सा सोर 
फिर से होगा पढ़ाई जम के स्कूल में | 
छुट्टियों  में किया मस्ती हमने रूम में 
होगा अब अगले छुट्टी का इंतजार | 
जायेंगे घूमने अबकी नदी के पार 
गर्मी की छुट्टी हो गई ख़त्म | 
दो दिन के बाद स्कूल जारहे हम 
कवि :पंकज कुमार ,कक्षा :8th 
अपना घर 

बुधवार, 28 जून 2023

कविता : "मेरा गांव "

 "मेरा गांव "
 सुन्दर सुसील सा गांव मेरा | 
जिस को मैंने पेड़ों से था घेरा 
कोड़े को हटा हटा  के किया था साफ | 
आज  भी देखते है सुन्दर सा ख्वाफ 
कभी कभी रोया करता था मै अकेले | 
सभी के साथ मैंने बहुत से मैच खेले 
सुन्दर सुसील सा गांव मेरा | 
जिस को मैंने पेड़ो से था घेरा 
कवि :गोविंदा कुमार ,कक्षा :7th
अपना घर  

मंगलवार, 27 जून 2023

कविता :"गर्मी "

"गर्मी "
 इस गर्मी के मौसम ने | 
किया सबको बेहाल 
ऐसी और पंखा इस गर्मी | 
में काम ना आये 
पसीना रुकने का नाम ना ले | 
इस गर्मी के मौसम ने 
किया सबको बेहाल | 
तापमान दिन पर बढ़ता ही जाता 
रात में गर्मी की मार न 
चैन से नींद न आते है | 
सिर्फ पसीना से बेहाल है  
इस गर्मी के मौसम ने | 
किया सबको बेहाल 
कवि :संतोष कुमार  ,कक्षा :8th
अपना घर  

सोमवार, 26 जून 2023

कविता :"एक मौका"

"एक मौका" 
 एक मौका देकर तो देखो | 
हम सवर जाएंगे 
चाहे कितनी कठिन क्यों न हो रास्ता | 
हम खड़े हो जाएंगे 
जो वर्षों से सूखी पड़ी थी जमीन | 
वो जाने कब मर जाएंगे 
एक मौका देकर तो देखो | 
बूंद बनकर बरस जांएंगे 
चाहे कितनी गहरी क्यों न हो यह समुद्र | 
गोता लगाकर हम आएंगे 
वर्षों से रोता था अपनों के लिए | 
आज वो मिल जाएंगे 
एक मौका देकर तो देखो | 
हम संभल जाएंगे 
कवि :सुल्तान ,कक्षा :9th
अपना घर  

रविवार, 25 जून 2023

कविता :"गर्मी"

"गर्मी" 
 गर्मी में नहीं आता  है नींद | 
जल्दी  ही हो गर्मी मौसम का एन्ड 
सोते समय से हो जाओ लतपत | 
पंखा का पता नहीं अब तक 
गर्मी में  नहीं आता है नींद | 
बस एक ही चीज ओटते रात  दिन
बारिश का कोई अता पता नहीं | 
बूंद का कोई पता नहीं 
कवि :अजय कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर  

शनिवार, 24 जून 2023

कविता :"गर्मी "

"गर्मी "
 पसीना से हो गए लतपत | 
कूलर ऐसी लगाओ झटपट 
गर्मी में राहत मिले | 
 जब पंखा चले सर सर सर 
रोक न पाए इस गर्मी को अब | 
झुलस गए पेड़ -पौधे सब 
सूख  गए तालाब नदियां सब | 
निकला जोर से सूरज तब 
पसीना से हो गए लतपत | 
कवि :सुल्तान ,कक्षा :9th 
अपना घर 

शुक्रवार, 23 जून 2023

कविता : "आज़ादी "

 "आज़ादी "
आजादी की  जंग में | 
मंगल पांडेय ने दिया बलिदान 
कुछ ने नशों के भांग में | 
किया दुश्मनो का सम्मान 
कुछ ने अपने दोस्तों के संग में | 
बाली सी उम्र में  गवाई जान 
मान सम्मान कपे  तुम उनको | 
जिन्होंने आजादी की लिया 
गवाए अपने जान | 
कवि :महेश कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

गुरुवार, 22 जून 2023

कविता :"गर्मी "

"गर्मी "
 गर्मी का यह मौसम | 
गर्म हवा की बहाव चारो ओर 
ठंडा हवा के  लिए लाचार हो रहे | 
बारिश की इंतजार कर रहे 
इस मौसम से लोग बेचैन हो रहे | 
गर्मी का यह मौसम 
बगीचे में आमो का पकना | 
पेड़ो से झुलसकर गिरना 
गर्मी का यह मौसम | 
नहाये बिना काम न चलता 
पानी के लिए तरस ही जाता | 
गर्मी का यह मौसम 
कवि : अमित कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

बुधवार, 21 जून 2023

कविता :"कोशिश "

"कोशिश "
 मै कोशिश कर  रहा हूँ आगे बढ़ने की | 
अपने कदम को आगे बढ़ाने की  
धीरे -धीरे मै चलना सीख  रहा हूँ | 
चलते वक्त भले ही गिर रहा हूँ 
फिर भी मै कोशिश  कर रहा हूँ| 
अचानक से मै दौड़ नहीं सकता  
पर एक -एक कदम बढ़ाता हूँ | 
आज मै भले ही हजार  बार गिरता  हूँ 
पर शायद मै चलना सीख रहा  हूँ |  
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

मंगलवार, 20 जून 2023

कविता :"गर्मी"

"गर्मी"
 लगाए बैठे उम्मीद सभी | 
बुझेगी तो प्यास कभी 
धरती प्यासी तड़प रही | 
धूप की गर्मी कड़क रही 
पेड़ पौधों मुरझाने लगे | 
हवाएं पास से जब जाने लगे 
सभी देखते बादल को जाते|  
काश दो बूंद इधर भी गिर जाते 
टप -टप करते टपक ही जाते|  
कवि :संतोष कुमार ,कक्षा :8th 
अपना घर 

सोमवार, 19 जून 2023

कविता :"मौसम "

"मौसम "
 आसमान  में है बादल काले -काले | 
लटक रहे है बूंद ढ़ेर सारे 
तरल हवाएं बह रही है | 
मौसम अपने आप सज रही है 
शाम सुहाना हो जाता है | 
रिमझिम -रिमझिम बूंद टपक रहे है
पत्तों से मस्त लटक रहे है|  
फल गिर रहे है टप -टप 
मौसम को देखकर हो खुश सब | 
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

रविवार, 18 जून 2023

कविता :"जिन्दगी "

"जिन्दगी "
जिन्दगी एक रास्ता है | 
जिस पर चलना आना चाहिए 
कुछ करना आए या न आए|  
मेहनत और मुसीबत का सामना करना आना चाहिए 
इस  जिन्दगी के रस्ते में | 
बहुत से गलत रस्ते होते है 
लेकिन उनमे कौन सा रास्ता सही है|  
आपको पहचानना आना चाहिए 
इन्ही रास्तों में  | 
उतार चढ़ाव भी होते है 
जिसमे आपको उतरना और चढ़ना आना चाहिए|  
ऐसी जिन्दगी पाने के लिए जल्दवाजी नहीं 
थोड़ा धैर्य होना चाहिए | 
जिन्दगी एक रास्ता है 
जिसपर चलना आना चाहिए | 
कवि :देवराज कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर 

गुरुवार, 15 जून 2023

कविता :"रिजल्ट "

"रिजल्ट "
 सोच सोचकर था मै परेशान | 
जिसका था वर्षों से इंतजार 
न  गुजर रहा था सुबह और शाम|  
इधर उधर को भटकते रहते 
एक जगह ना मैं चैन  से बैठता | 
हर  पल रिजल्ट की याद आता 
हर लोग के सवाल से लड़ते | 
सुबह शाम एक ही बाते सुनने को मिलता 
कवि :सार्थक कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

शनिवार, 10 जून 2023

कविता :"छुट्टी "

"छुट्टी "
 छुट्टी  हो गई है स्कूल से | 
घर जाने के लिए तैयार हो जाओ 
मौज मस्ती करो और खुश रहो|  
समय मिलने पर सुस्त रहो 
आराम करो रूम में छुप के | 
आम का मजा खाकर लो 
आस -पास के पेड़ो से | 
पढाई मन लगाकर करो 
कुछ अच्छा बन जाओगे | 
समाज और परिवार का नाम रोशन करोगे 
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर  

बुधवार, 7 जून 2023

कविता :"खिड़की के पास"

"खिड़की के पास"
 आज मै  बैठा था खिड़की के पास | 
देख रहा था मै उस पार 
पेड़ -पौधे लगे थे आस पास | 
उस पर चिड़िया फुदक रही थी डाल डाल 
कोयल थी अपने में बेहाल | 
कुहक -कुहक कर पूँछ रही थी हालचाल 
होगया सवेरा अब उठ जाओ|  
देखो कैसा है नजारा 
उसमे तुम मगन हो जाओ | 
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th
 अपना घर  

मंगलवार, 6 जून 2023

कविता :"गर्मी "

"गर्मी "
 ये गर्म धूप की मार ने  | 
लू की चपेट ने 
कर गया सबका बुरा हाल|  
कैसे कट रहा ये साल 
जिंदगी चल रहे मालगाड़ी की चाल में |  
कभी पेड़ के नीचे बैठकर चैन की सास ले 
तो कभी घर के अंदर बैठकर आनंद ले | 
ये गर्म धूप की मार ने 
लू की चपेट ने | 
कवि :सार्थक कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर  

सोमवार, 5 जून 2023

कविता :"छुट्टियां "

"छुट्टियां "
 गर्मी की छुट्टियां हुई शुरू | 
बच्चे चले घूमने घर को 
कोई बुआ तो कोई नानी के घर को|  
चाहते नहीं समय गवाना 
जल्दी हो जाए घर को रवाना | 
रह ले  कुछ पल परिवार के संग 
रंग जाए अपने में रंग | 
घर जाने को अपना उमंग
रह ले  कुछ पल परिवार के संग| 
कवि :अजय  कुमार ,कक्षा 9th
 अपना घर  

रविवार, 4 जून 2023

कविता :"गर्मी "

"गर्मी "
 तर -तर पसीना चू रहा है | 
पूरा बदन पानी से भीग रहा है, 
गर्मी में हल बेहाल है | 
मौसम में भी थोड़ा उबाल है, 
सूरज का अपना भौकाल है | 
दोपहर में निकलना खराब है, 
पूरा भारत गर्मी से परेशान है| 
ये गर्मी प्रदूषण की पहचान है, 
तर -तर पसीना चू रहा है |  
पूरा बदन पानी से भीग रहा है, 
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :9th 
अपन घर 

कविता :" रूठ गई वह मौसम "

"  रूठ   गई  वह  मौसम "
  रूठ   गई  वह  मौसम | 
जो शीतल हवाएं देती थीं ,
झुलस गए वो  पौधें | 
जिस पर फूल निराली खिली थीं, 
आज काले छाए है बादल|  
जो वर्षों से नहीं दिखती थी, 
रूठ गई वह हवा | 
जो दिल को ठंढक पहुंचती थी, 
रूठ गया वह सूरज|  
अब तो पानी का न ठिकाना था, 
सूख गई तालाब -नदियाँ | 
क्योंकि जमाना ही बेगाना था, 
कवि :सुल्तान ,कक्षा :9th 
अपना घर 

शुक्रवार, 2 जून 2023

कविता :"हार से सीख "

"हार  से सीख "
 एक बार में कोई कुछ कर नहीं गुजरता | 
कुछ पाने की जिज्ञासा रखना सीख ,
हर बार कोई जीत के हारना नहीं सीखता|  
तू हार  के जीतना सीख ,
सब तो जीत के भी बेहतर करने की सोचते है| 
तू हार के  जीत से बेहतर करने की सीख ,
जीतों से तो  कोई भी जीत लेता है | 
पर तू हारों से सीख लेना सीख ,
अपने मन और आचना को दूसरों के खातिर|  
सीख लेना सीख, कुछ पाने की जिज्ञासा रखना सीख | 
कवि :महेश कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

गुरुवार, 1 जून 2023

कविता :"सवाल "

"सवाल "
 सवाल आते है मन में हजार | 
जो कर देता है मुझको लाचार,
जबाब जानने के हर पल बेकरार|  
कभी मिलता कभी नहीं मिलता,
ऐसा होता  है हर बार | 
सोचने पर मजबूर हो जाता, 
क्या  करू समझ नहीं आता | 
काफी देर उलझने  बाद ,
सुलझा सा उत्तर मिलता|   
कवि :अखिलेश कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

बुधवार, 31 मई 2023

कविता :"खामोशी शोर मचाएगी "

"खामोशी शोर मचाएगी "
 आज नहीं तो कल|  
हमारी खामोशी शोर मचाएगी, 
जिस संघर्ष में है हम | 
वो मेहनत एक दिन शोर मचाएगी, 
आज नहीं तो कल | 
बस समय का इंतजार है,
हमारी खामोशी शोर मचाएगी|  
आज नहीं तो कल, 
 ये मेहनत  रंग लाएगी|  
कवि :सनी कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

मंगलवार, 30 मई 2023

कविता :"राज़ "

"राज़ "
आओ एक राज बताए | 
उड़ाती आसमान में पतंग, 
धागो के बंधनो में बांधकर|  
गर्व का सौख बढ़ाता है ,
आज़ाद रहने का अनुभव कराता है|  
आसमान में उड़ते चिड़िया की तरह, 
हर दिशा सफर कर लेता है | 
पहाड़ की सीमा को लांघकर ,
स्वतंत्र उड़ती आसमान में | 
अनेक रूप दिखलाती है ,
आओ एक राज बताए | 
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर  
 


सोमवार, 29 मई 2023

कविता :"कविता "

"कविता "
  काश मै कविता होती | 
हजारो लाखों के बीच होता, 
किसी के हाथों से मै लिखा जाता|  
 तो किसी के लफ्जों में पढ़ा जाता, 
काश मै कविता होती | 
शब्दों से मै गूंथा जाता ,
वाक्यो से मै पिरोया जाता |
गहनों जैसी अभूषण होता ,
काश मै  कविता होती | 
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर  

रविवार, 28 मई 2023

कविता :" रूठ गई वह डाली "

" रूठ  गई वह डाली " 
रूठ  गई वह डाली | 
जिसपर फूल खिले थे वह निराली, 
सुबह की वह किरण जो कर देती मन को हरियाली|  
वह आज दिख नहीं  रही है ,
कौन सी मौसम बन गई उसके लिए पराई|  
पूछ रही है वह सब से क्या हमने कुछ गड़बड़  दी भाई, 
जिंदगी हो गई  मौत | 
पलंग बनकर निभाता है, 
जिंदगी में आखिरी समय पर भी|  
तुम्हारे शरीर को पावन कर आता हूँ, 
फिर भी मेरी जिंदगी की ऐसी मजाल|  
उखाड़ने के लिए है  बेक़रार ,
कब पहुंचेगी मेरी लफ्जों को गहर|  
तुम्हारे हर एक सांसो में है मेरे जीवन का संसार, 
फिर क्यों रूठ गई वह डाली | 
जिस पर फूल खिले थे ,वह निराली|   
कवि :विक्रम कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर  

शनिवार, 27 मई 2023

कविता "गर्मी "

"गर्मी "
गर्मी का मौसम आया फिर घूम कर | 
लू धूप और गर्म हवाएँ ,
सर- सर करते घर आते | 
घर में करते गर्मी बेसी ,
काम न पंखा कूलर ऐसी|  
कोई नीबू कोई जूस पी रहा, 
कभी खीरा तो कभी दही में जीरा|  
तपती गर्मी का है असर ,
बीमारी का बढ़ा कहर |
कवि :अखिलेश कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर 

शुक्रवार, 26 मई 2023

कविता :"अंधकार "

"अंधकार "
 अंधकारों से मै ढका हुआ था | 
न इधर का ,न उधर का | 
न सड़क पर ,न खलियानो पर | 
दूर कंही शहर के चुराहों पर ,
बस यूँ ही रुका हुआ था | 
अंधकारों स मै ढका हुआ था ,
बस सांस थी ,तो आस थी | 
न रो पाया, न हंस पाया ,
बस दूर से मुस्कुराया | 
यूँ ही चेहरे पर मुस्कान टिका हुआ था ,
अंधकारों से मै ढका हुआ था | 
कवि :सुल्तान ,कक्षा :9th
अपना घर  

गुरुवार, 25 मई 2023

कविता :"जीना "

"जीना "
 जीना किसको कहते है | 
क्या कुछ पाने को ,
या फिर खोने को | 
या फिर हार  कर ,
चुप चाप रोने को | 
जीना किसका नाम है ,
राहत भरी मुस्कान को | 
या फिर हारे हुए ,
बाजुओं में जान को ,
हाँ जीना इसी का नाम  है | 
कवि :देवराज ,कक्षा :12th 
अपना घर 

बुधवार, 24 मई 2023

कविता "चिड़िया "

"चिड़िया " 
काश मै चिड़िया होता तो | 
घूम लेता मै सारा संसार ,
कभी पेड़ पौधों में बैठता तो|  
कभी आसमान में पंख फैलाकर उड़ता, 
तो कभी गाना गाकर | 
लोगो का दिल बहलाता, 
और सुबह की रौनक को बढ़ता |  
काश मै चिड़िया होता तो, 
फल को मन चाहे जब खाता|  
और आकाश में उड़ जाता, 
काश मै चिड़िया होता|  
कवि :सार्थक कुमार, कक्षा :12th
अपना घर  

मंगलवार, 23 मई 2023

कविता : "समुद्र के पार "

  "समुद्र के पार "
 आओ चलो हम बहार चले | 
समुद्र के उस पार चले ,
अपनी मंजिल की खोज में | 
आओ संसार का सफर करने चले ,
मुसीबतों से संघर्ष करके | 
इतिहास की रचना करके ,
उसकी शुरुआत करे | 
एक नई सोच के साथ ,
इस संसार में कुछ बदलाव करे | 
आओ चलो हम बाहर चले,
समुद्र के उस पार चले |  
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

सोमवार, 22 मई 2023

कविता "चल गलती से सीख "

"चल गलती से सीख "
  गलत हुआ ,रूठ मत | 
गलत किया ,टूट मत ,
ढूंढो पहचानो उस गलती को  मानो | 
सुधर उसे फिर तू जीत ,
गलत हुआ ,चल गलती से सीख|  
हताश मत हो ,
उसे वहीं पीछे छोड़ या फेंक|  
मंजिल जिस ओर है ,
उसी ओर तू देख | 
जो हुआ सो हो गया, 
अब अखरना ही क्यों|  
छड़ भर का तो एक भूल होता ही है, 
हाँ गलत हुआ , चला गलती से सीख |  
कवि :पिंटू कुमार,कक्षा 8th 
 अपना घर 

रविवार, 21 मई 2023

कविता :"मुसाफिरों की यात्रा "

"मुसाफिरों की यात्रा "
 चल मुसाफिर  तू  चल | 
अकेला ही तू चल,
न किसी के साथ चल|  
और न किसी की बात सुन, 
बस तू चलता ही चल | 
डगर तेरी सुन सान होगी, 
और कुछ रस्ते अनजान होगी|  
तुझको उसपर चलना  ही होगा, 
हिम्मत बांधकर अपने पथ पर चल| 
चल मुसाफिर तू चल,
न कोई तुम्हे पूछने वाला होगा|  
और न ही कोई टोकने वाला ,
तुम्हारा हिम्मत ही तुम्हारा साथी होगा|  
और हौसला तुम्हारा गाड़ी ,
चल मुसाफिर तू चल|  
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर  

शनिवार, 20 मई 2023

कविता :"संघर्ष "

"संघर्ष "
 एक काबिल की नगरों में | 
दुनिया में कुछ नहीं है कठिन, 
प्रयास का छाया  है उसपर | 
एक बार चूकने से नहीं होता निराश, 
प्रयास करते- करते हारता है कईबार|  
काबिल बनने से उसे कोई नहीं, 
कर सकता पीछा हरबार | 
एक काबिल की नगरों में ,
दुनिया में कुछ नहीं है कठिन|  
कवि :सुल्तान ,कक्षा :9th
अपना घर  

शुक्रवार, 19 मई 2023

कविता "गर्मी"

"गर्मी"
गर्मी आई गर्मी आई | 
कड़क धूप की गर्मी आई ,
यंहा वंहा वो लूँ चलाई | 
सूरज दादा को लाज़ न आई, 
कड़क धूप की गर्मी आई | 
सब बच्चों को वो खूब सताई, 
सूरज दादा को लाज़ न आई | 
गर्मी आई गर्मी आई ,
कड़क धूप की गर्मी आई|  
कवि : सनी कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

गुरुवार, 18 मई 2023

कविता :"हवाओ का क्या कहना "

"हवाओ का क्या कहना "
 इन हवाओ का क्या कहना | 
इनका काम ही है बहना ,
इन लहरों का क्या कहना | 
इनका काम ही है बहना,
इन चीटिंयो का क्या कहना | 
इसका काम ही है चलना ,
इन मजदूरों का क्या कहना | 
इनका दिनभर काम ही है करना ,
इन बच्चो का क्या कहना | 
खेलना ,खाना और पढ़ते ही रहना ,
इस समय को क्या कहना | 
इसका काम ही है समय बताना ,
इन हवाओ का क्या कहना |  
कवि :गोविंदा कुमार ,कक्षा :7th 
अपना घर 

बुधवार, 17 मई 2023

कविता :"मैं क्या कर सकता हूँ "

"मैं क्या कर सकता हूँ "
 उन हवाओं को चीरकर | 
चाँद -तारो को छीनकर ,
जमी पर ला सकता हूँ | 
पहाड़ो को तोड़कर ,
पत्थरो को फोड़कर | 
जाने क्या बना सकता हूँ ,
जमी को खोदकर | 
आसमान को फोड़कर ,
जाने क्या ला सकता हूँ | 
अपने सपने ना मुमकिन को,
मुमकिन बना सकता हूँ | 
कवि :महेश कुमार ,कक्षा :9th 
अपना घर 

मंगलवार, 16 मई 2023

कविता :"नींद "

"नींद "
 सुबह मुझे आती है बहुत नींद | 
झपकती रहती मेरी फाली बींद ,
अँधेरा -अँधेरा हो जाता जग | 
सोने में आता मजा तब ,
उठने में करता हूँ आनाकानी | 
धीरे -धीरे बीत रही है जवानी ,
मन लगता है मुझको भारी | 
नींद होती है सबको प्यारी ,
सुबह मुझे आती है बहुत नींद | 
कवि :कुल्दीप  कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

सोमवार, 15 मई 2023

कविता :"संघर्ष"

"संघर्ष" 
 डगर है बड़ी लंबी | 
मंजिल भी है बड़ी दूर ,
रस्ते में संघर्ष है | 
उसे पाना है जरूर ,
कठिनाइयों से न घबराना | 
हिम्मत से अपने पथ पर चलना ,
उम्मीदों को  नहीं खोने देना है | 
अपने लक्ष्य पर अटल रहना है ,
मंजिल भी  है बड़ी दूर | 
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

गुरुवार, 11 मई 2023

कविता :"मौसम "

"मौसम " 
अब मौसम को क्या बताना | 
कभी कड़क गर्मी और धूप में मंडराना,
कभी काले  बादलो से सूरज को ढक ले जाना|  
बारिश का  मौसम का अब न कोई ठिकाना,
अब मौसम को क्या बताना | 
चलती और बहती झरनो को सुखा देना ,
प्रकृति में गर्मी से उथल-पुथल होना | 
अब मौसम को क्या बताना,
कभी कड़क गर्मी और धूप में मंडराना | 
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर 
  

बुधवार, 10 मई 2023

कविता :"जिंदगी का मज़ा"

"जिंदगी का मज़ा" 
 जिंदगी आसान हो तो,शायद जीने का मज़ा हो | 
अगर खुदा हम पर मेहरबान हो ,
तो शायद जीने का मजा हो | 
अगर मेरे हाथो के लकीरो में , 
सब कुछ छप जाये तो | 
शायद  जीने का मजा हो, 
 पर जिंदगी तुम्हे ठोकर मरकर गिरा जाए | 
हाथो के लकीरो को मिटा जाए, 
सब कुछ छीनकर एक कब्र में दफना जाए| 
फिर उस कब्र से निकलकर जीने में मजा हो , 
फिर मेहनत से लड़ के | 
जीत का जाम पीने में मजा हो , 
जिंदगी को हार कर जितने में मजा हो| | 
कवि :देवराज ,कक्षा :12th 
अपना घर 

मंगलवार, 9 मई 2023

कविता :"क्यों हम"

"क्यों हम" 
 ये खुदा मुझे मेरे एक ,बात का जवाब दे | 
मुझे मेरी जिंदगी का ,मुझे हिसाब दे | 
क्यों नहीं मेरे बचपन में ,शैतानिया लिखा | 
क्यों नहीं मेरी माँ , से मेरी मनकानिया लिखा है | 
क्यों नहीं इसमें  मेरी, दादी की कहानियाँ है| 
क्यों नहीं इसमें नादानियाँ है ,
क्यों नहीं मेरे हाथो में कलम लिखा है | 
क्यों दो पल की खुशी और ,
बाकी जिंदगी आँखे नम लिखा है | 
क्यों काली परछाई में ,हम ही हम लिखा है |  
कवि :देवराज ,कक्षा :12th
अपना घर  

सोमवार, 8 मई 2023

कविता :"सफलता "

"सफलता "
 सफलता अब उनको मिलती है | 
जिसको ज्ञान रिक्षती है |  
जो हर दम एक लक्ष्य रखता है | 
जिस पर रोज परिश्रम करता है , 
हर पल जिसके बारे में सोचता है | 
कदम -कदम वह हमेशा चलता है ,
तीर निशाने पर लगाता है | 
लक्ष्य-भेद कर जीवन अच्छा बिताता है ,
सफलता अब उनको मिलती है, 
जिनको ज्ञान रिक्षती है | 
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

कविता :"अनजान सफर"

"अनजान सफर" 
 एक अनजान सफर पर निकला हूँ मैं | 
ना ही उसका अंत है ,
और ना ही उसका कोई शुरुआत | 
बस ऐसे ही निकल पड़ा हूँ मैं ,
मैं तो ये भी नहीं जनता | 
कि ये मुझे कहाँ ले जाएगी ,
और किस मोड़ पर छोड़ेगी | 
इस सफर पर चलने के लिए ,
कई लोग मदद करेंगे | 
पर मेरा कोई साथ नहीं देंगे ,
मुझे खुद ही अकेले चलना होगा| 
और खुद ही कोई रास्ता निकालना होगा,
एक अनजान सफर पर निकला हूँ मैं |    
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th 
 अपना घर 

रविवार, 7 मई 2023

कविता "कल्पनाएं "

"कल्पनाएं "
 कल्पनाएं  उसी की  करो | 
जो करने में सफल हो सको।,
आगे का मत सोचो | 
क्योंकि दुनियाँ कल्पनाओ से भी आगे है ,
काम वही करो | 
जो तुम से हो सके ,
आगे का मत सोचो | 
क्योंकि दुनियाँ कल्पनाओं से भी  हैं ,
रास्ता एक ही चुनो ,
जिस पर तुम चल सको | 
दोनों रास्तो का मत सोचो ,
क्योंकि दुनियाँ कल्पनाओ से भी आगे हैं | 
कवि :सुल्तान ,कक्षा :9th 
अपना घर 

कविता :"सुनहरे मौसम "

"सुनहरे मौसम "
सुनहरे मौसम ये बता रहा हैं | 
बारिश में भीगना जो आनंद है ,
बदलो में चिडियो  का उड़ना आजादी है | 
हवाओं में इधर से उधर बात करना ,
सुनहरे मौसम ये बता रहा है | 
रिमझिम बारिश में नहाना ,
सभी लोग के साथ नाचना | 
आंनद से यूँ रहना ,
सुनहरे मौसम ये बता रहा हैं | 
कवि :विक्रम कुमार ,कक्षा :12th 
अपना घर 

शनिवार, 6 मई 2023

कविता :"बीता हुआ दिन "

"बीता हुआ दिन "
 आज का बीता हुआ दिन | 
कल याद आएगा ,
हर -पल हर मौसम | 
खुछ खास नजर आएगा ,
आपने और अपनो के साथ | 
कुछ बीते हुए पल याद आएंगा,
कुछ बाते -कुछ शरारते |
और कुछ नजदीकियाँ ,
कुछ खास नजर आएगा | 
हर पल-हर मौसम ,
कुछ खास नज़र आएगा | 
आज का बीता हुआ दिन,
कल याद आएगा | 
हर -पल -हर मौसम ,
कुछ खास नज़र आएगा | 
कवि :सनी कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर  
                                                                           

कविता :"आकाश तक छू जाता "

"आकाश तक छू जाता "
काश  मुझे कोई समझ पता | 
आकाश तक छू जाता ,
सबसे ऊपर मै कहलाता | 
अपने अधूरे ख्वाइशे अजमाता ,
माँ का प्यार परिवार का दुलार पाता | 
काश मुझे कोई समझ पाता ,
आकाश तक छू जाता | 
माँ का प्यार पाता ,
काश कोई मुझे समझ पाता | 
आकाश में जा पाता ,
काश कोई मुझे समझ पाता | 
कवि :रोहित कुमार , कक्षा :6th
अपना घर  
 

सोमवार, 1 मई 2023

कविता : "चलना बहुत दूर है "

"चलना बहुत दूर है "

मत दम तोड़ो साथियो | 
चलना बहुत दूर है ,
मंजिल की रह भटक रही है | 
पर चलना जरूर है , 
प ल -पल में मत खुशियाँ है | 
पर कष्टो में भी सकुन  है ,
हार तो हम रहे है | 
पर आज भी जीतने  का जुनून है ,
भेद -भाव बसती जहाँ है | 
वहाँ भी एक ही खून है ,
मत दम तोड़ो साथियो | 
चलना बहुत दूर है ,
कवि  :कुल्दीप ,कक्षा :12th 
अपना घर 


बुधवार, 8 फ़रवरी 2023

कविता :"फूल"

"फूल" 
 फूल लगा हर डाल -डाल पर | 
रंग बिरंगे सुन्दर और प्यारे ,
मधु मनोहर खुशबू इसकी | 
सासो में आ बसता है , 
लगी फूल जो डाल -डाल पर | 
देख मन भर आता है , 
गुजरू कच्ची पगडंडी के रस्ते |
कदम न बढता ,जी मेरा कहता ,
अच्छा है ठहर जाने में | 
बन माली फूलो की रहो पे ,
बैठा रहू बिखरी खुशबू में | 
फूल लगा हर डाल -डाल पर ,
रंग बिरंगे सुन्दर और प्यारे | 
मधु मनोहर खुशबू इसकी , 
सासो में आ बसता है | 
कवि :पिंटू ,कक्षा 7th 
अपना घर
 

मंगलवार, 7 फ़रवरी 2023

कविता :"धर्म"

"धर्म"
 क्यों लड़ते है ये लोग जात पात पर | 
ईश्वर ने नहीं बनाया इस आधार पर ,
सब में एकता लाना धर्म हमारा | 
हिन्दू - मुस्लिम में हो भाईचारा , 
सबकी अपनी -अपनी भगवन है | 
इस पर नहीं पर बलिदान है ,
हम सब मिलजुलकर रहेंगे | 
हम सबको बराबर मौका देंगे ,
क्यों लड़ते है ये लोग जात पात पर | 
ईश्वर ने नहीं बनाया इस आधार पर , 
कवि :कुल्दीप ,कक्षा 11th  
अपना घर

सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

कविता : "दुनियाँ याद करें "

"दुनियाँ याद करें "
 इच्छा थी कुछ बड़ा करने की | 
ताकी हमें भी दुनियाँ याद करें , 
लोग तो कहते है बहुत कुछ | 
पर क्यों हम उन पर विश्वास करें , 
हर कोई तुम्हे गलत रास्ता दिखाएगा | 
और भटकाएगा ,
पर विश्वास मत करना उन पर | 
जो तुम्हे ही नीचे गिराएगा ,
भटकाने के किए तो सब मिलेंगे | 
लेकिन साथ देने के किए कोई नहीं ,
इच्छा थी कुच्छ बड़ा करने की | 
ताकि हमें भी दुनियाँ करे ,
कवि :सुल्तान ,कक्षा 8th 
अपना घर 

रविवार, 5 फ़रवरी 2023

कविता :"नया सवेरा "

"नया सवेरा "
 ये कैसा  अँधेरा है | 
जो मुझको घेरा है ,
सब कुछ दिखना बंद हो गया |
लगता है होने वाला नया सवेरा है ,
धागा  वो उम्मीद जो |
 चार दीवारी  में सो रहे थे , 
धर  के  हाथ पर हाथ |
रो  रहे थे ,
अब होने वाला इस भी बसेरा है | 
लगता है होने वाला नया सबेरा है ,
 मुझे  पता है आने वाले दिनों में | 
मुश्किलों कि पहाड़ आएगा , 
और आकर मुझे गिरा कर जाएगा | 
पर उठने का काम मेरा है ,
लगता है होने वाला नया सवेरा है | 
कवि :देवराज , कक्षा :12th
 अपना घर

सोमवार, 30 जनवरी 2023

कविता : "घडी अंत की ओर"

"घडी अंत की ओर"  

अब घडी अंत की ओर है | 
हर जगह बच्चो का ही शोर है ,
लाखो  है अनपढ़ ग्वार | 
कुछ लोग पढ़ के भी है मक्कार ,
सड़को पर इनका ही डेरा है | 
हर गलियों में कोई एक शेरा ,
ठोकर खाते -खाते गड्डे में गिर गए है | 
आधे से ज्यादा जिन्दा होकर मर गए है ,
अब घडी अंत की ओर है | 
हर जगह बच्चो का ही शोर  है ,

कवि : कुल्दीप , कक्षा :11th 

अपना घर  

शनिवार, 28 जनवरी 2023

कविता : समय

"समय "

 हर वक्त और हर समय में | 
यह सोचता रहता हूँ ,
समय से हर वक्त मैं लड़ता रहता हूँ | 
इंसान वही है जो इस मुश्किलों ,
मैं अपनी तक़दीर बदल दे | 
मत सोच क्या होगा आने वाले ,
समय में . . .| 
क्या पता तेरे जज्बात और ,
हौसलों  को देख कर | 
वक्त भी अपना समय बदल दे ,
हर वक्त और समय में | 
यह सोचता रहता हूँ  ,








कवि :संजय  कक्षा :12th 
अपना घर 

शुक्रवार, 27 जनवरी 2023

कविता : "देश"

"देश"

 आज देश जगमगाएगा |

जब घर -घर में झण्डा  लहराएगा,

हर जगह आवाज़ गूँजेगा |

जब भगत सिंह का नाम  आएगा ,

सुनहरा लगेगा हर गली हर चौराहा |

जब सूरज चमक आएगा ,

आज देश जगमगाएगा |

हर वीर जवान हिमालय पर झण्डा लहराएगा ,

हर बच्चे के मुँह से भारत का नाम आएगा |

आज देश जगमगाएगा ,

कवि :सुल्तान , कक्षा :8th 

अपना घर  

गुरुवार, 26 जनवरी 2023

कविता : संघर्ष

"संघर्ष "

 कुछ बनने के लिए कुछ खोना पड़ता है ,

कुछ पाने के लिए हमें संघर्ष करना है |

हर मोड़ पर हमको चलना है ,

हर ठोकर से हमको लड़ना है |

लक्ष्य पर अपना उबरते रखना है ,

चलते चलते हमको सम्भलना है |

भविष्य में शिखर पर चड़ना  है ,

पझियों की तरह हमें उड़ना है |

कुछ बनने के लिए कुछ खोना है , 

कुछ पाने के लिए हमें संघर्ष करना है |

कवि : कुल्दीप , कक्षा : 11th 

अपना घर