बुधवार, 5 जुलाई 2017

कविता :बाल गोपाला

 " बाल गोपाला "

लल्लन के लाल ,बाल गोपाला,
यशोदा का नटखट नंदलाला |
पूरे मथुरा में बजाता मुरली,
बंसी से आवाज़ निकलती सुरीली | 
मन को मोह लेने वाला,
मथुरा का था बाल गोपाल |
सुदामा संग चुराता मख्खन,
अद्भुद प्यारा था वो बचपन |
गौ चराता मुरली बजाता,
राधा संग प्रेम की बंसी बजाता |
गोपाला था तो बहुत कला,
फिर भी था एक सच्चा दिलवाला |
कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा : 8th ,अपनाघर 

कवि का परिचय : छत्तीसगढ़ के रहने वाले ये हैं  प्रांजुल | अपनाघर का सदस्य है | इनको कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | अपनी हर एक कविता को मन से लिखते है | खेलने का भी शौक है | इनके परिवार वाले मजदूरी का कार्य करते है | अपनाघर में रह कर ये अपनी शिक्षा को और भी मजबूत बना रहे है | हमें उम्मीद है कि इनकी कविता जरूर सबको पसंद आएगी | 


मंगलवार, 4 जुलाई 2017

"रिमझिम करती बारिश आयी "

रिमझिम करती बारिश आयी ,
कही कही बादल गिरते 
तो कही बम के गोले गिरते ,
ऐसी बारिश में नहाने को बहुत मन 
करता 
कभी कभी मन करता की समुन्दर पर 
तैरु ,
बारिश में खाने का  ,टीवी देखने 
का दिलचस्प रहता मन ,
प्यासी रहती भी बृष और बगीचे 
इनकी प्यास बुझाने बारिश आयी 

                     नाम =राज ,कक्षा =८ 
                        अपना घर 

सोमवार, 3 जुलाई 2017

"गर्मी आती है हर साल "

गर्मी आती है साल
करती है सबको बेहाल
प्रचंड गर्मी और लू का कहर बरपाते
दिन दोपहर में निकलने से  घबराते
तापमान गिरने का नाम न लेता
औसत से अधिक तापमान है जाता
मौसम है नहीं अनुकूल
बाहर निकलने न करना भूल
कोई न लेता नहीं हाल चाल
गर्मी आती है हर साल
करती है  सबको करती बेहाल


         नाम =अखिलेश , class 7th
              अपना घर