गुरुवार, 28 नवंबर 2019

कविता : प्रदूषण न बढ़े

" प्रदूषण न बढ़े "

मैं चाहता हूँ की सभी को,
पेड़ लगाना पड़े | 
जिसके कारण हमारे 
संसार का प्रदूषण न बढे | 
लड़ाई चाहे जितनी बड़ी हो,
पर बन्दूक चलाना न पड़े 
प्रदुषण जब कम होगा 
तो सफाई भी करना नहीं पड़ेगा | 

कवि : अजय कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविताअजय के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं और अभी तक छोटी -मोटी कवितायेँ लिखते हैं | अजय को कवितायेँ लिखना बहुत अच्छा लगता है | कवितायेँ लिखने के साथ साथ पढ़ाई में भी अच्छे हैं |  

मंगलवार, 26 नवंबर 2019

कविता : सर्दी

" सर्दी "

आई प्यारी प्यारी सर्दी, 
धरती ने पहन ली वर्दी | 
देखो नाच रही है सर्दी,
सभी ने पहन रखी है वर्दी | 
बर्फ लग रहे है समन्दर,
सब लोग चले गए घर के अंदर | 
 घूम घाम कर होने लगी सर्दी,
आई प्यारी प्यारी सर्दी | 
धरती ने पहन ली वर्दी | 
दोपहर को होती गर्मी, 
शाम को मौसम बेनरमी | 
रत को होतीहै सर्दी,
सुबह हो जाती है जल्दी | 
आई प्यारी प्यारी सर्दी,
धरती ने पहन ली वर्दी | 
देखो नाच रही है सर्दी,
सभी ने पहन रखी है वर्दी | 


कवि : नवलेश कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर 

कवि परिचय :  कविता नवलेश के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | नवलेश ने इस कविता का शीर्षक " सर्दी " दिया है | नवलेश को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और हर हफ्ते एक कविता ज़रूर लिखते है | 

सोमवार, 25 नवंबर 2019

कविता : मत डरो

" मत डरो "

जीवन में कुछ बनना है तो,
हौशलों को साथ रखो | 
जीवन में कुछ पाना है तो,
जिंदगी से मत डरो | 
जीवन में कोई कठिनाई आए तो,
बस खुद के लिए लड़ो | 
जीवन में कुछ सीखना है तो,
जिज्ञासा हमेशा रखो | 
जीवन में कुछ बनना है तो,
हौशलों को बुलंद रखो | 

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता समर के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक मत डरो है | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक वह बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | समीर एक अच्छे संगीतकार भी हैं | 

शनिवार, 23 नवंबर 2019

कविता : दुनियाँ को बचाना है

"  दुनियाँ को बचाना है "

हमें मंजिल तक पहुँचना है,
इस दुनियाँ को बचाना है | 
देश को स्वच्छ बनाना है,
देश से प्रदुषण को कम करना है |   
हमें मंजिल तक पहुँचना है,
इस दुनियाँ को बचाना है | 
डेंगू मच्छरों को मार भगाना है,
मलेरिया बीमारी को जड़ से हटाना है | 
हमें मंजिल तक पहुँचना है,
इस दुनियाँ को बचाना है | 

कवि : अजय कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता अजय के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | अजय नई इस कविता का शीर्षक : दुनियाँ को बचाना है " दिया है : अजय को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है| पढ़ने में होशियार होने के साथ ही साथ खेल - कूद में भी अच्छे हैं |  

शुक्रवार, 22 नवंबर 2019

कविता : तोता राजा

" तोता राजा "

तोता राजा  तोता राजा,
तुम कितने ही प्यारे हो | 
तुम अपने ये पंख कहाँ से लाए हो,
तोता राजा तोता राजा 
छोटी सी चोंच कहाँ से लाए हो,
तुम कितने ही सरमते हो 
मीठा मीठा  गीत गाते हो |

कवि : शिवा कुमार , कक्षा : 3rd , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता शिवा के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | शिवा ने इस कविता का शीर्षक " तोता राजा " दिया है | शिवा एक पुलिस अफसर बनना चाहते हैं |  

गुरुवार, 21 नवंबर 2019

कविता : दोस्ती

" दोस्ती "

अरे यह दोस्ती है,
जिसको कभी नहीं भूल सकते | 
अरे यह दूसरों की ख़ुशी है,
हर चेहरे पर मुस्कराहट है | 
कभी नहीं भूल सकते,
बीता हुआ समय ,आने वाला समय को, 
कभी सोच नहीं सकते | 
जीवन में बाधाएं आती है,
पर हमें उनका सामना करना चाहिए | 
अरे यह दोस्ती है,
जिसको कभी नहीं भूल सकते | 

कवि : अमित कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता अमित के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | अमित को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक  है और बहुत सी कवितायेँ लिख भी चुके हैं उनमें से यह भी एक कविता है जिसका शीर्षक " दोस्ती" है | अमित पढ़ाई में बहुत अच्छा हैं | हमें उम्मीद है की अमित और भी रोचक भरी कवितायेँ लिखेंगें | 

बुधवार, 20 नवंबर 2019

कविता : एक नेक इंसान बन

" एक नेक इंसान बनना है "

दुकान जाना है,
वहां से किताब ,कॉपी लाना है |
हमें दिमाग लगाना है,
भारत देश को स्वस्थ बनाना है |
चेहरों पर खुशियाँ लाना है,
दोस्तों से मिलने जाना है |
हमें पढ़ाई में दिमाग लगाना है,
पूरे में से पूरे नम्बर लाना है |
हमें स्कूल पढ़ने जाना है,
पढ़ाई में दिमाग लगाना है |
हमें पेपर देना है,
हमें अपनी प्रतिभा को पहचानना है |
हमें एक नेक इंसान बनना है,
महा पुरुषों की राह को अपनाना है |

कवि : नवलेश कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता नवलेश के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " नेक इंसान बनना है " है | इस कविता के माध्यम से नवलेश एक नई जीवन की और जाने की शिक्षा दे रहा है की हमें एक नेक इंसान बनना है | नवलेश पढ़ाई में बहुत अच्छा है | 

मंगलवार, 19 नवंबर 2019

कविता : जिंदगी को अपने शरण देती हैं

" जिंदगी को अपने शरण देती हैं "

मैं  उस आसमाँ के बारे सोचता हूँ, 
जो इतने सरे जिंदगी को अपने शरण देती हैं | 
मैं उस बात को सोचता हूँ,
जो कुछ अजीब सा जिंदगी देते हैं | 
कभी - कभी मैं कुछ और सोचता हूँ,
जो हंसी  और उल्लास से भर देती है | 
एक मनुष्य इतने सारी गलतियाँ 
इस स्तिथि में रहना सीख लें | 

कवि : विक्रम कुमार ,  कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता विक्रम के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | विक्रम को कवितायेँ लिखने  बहुत शौक है | विक्रम  ने इस कविता का शीर्षक " जिंदगी को अपने शरण देती हैं " दिया है | इस कविता के माध्यम से हमें बहुत ही शिक्षा मिलती है 

रविवार, 17 नवंबर 2019

कविता : बूँद

" बूँद "

देखो क्या क्या लाई बूँद,
पत्तों से फिर टपकती बूँद |
मोती जैसी चमकती बूँद,
जैसे कोई इंद्रधनुष | 
सीधे आकर जमीं पर,
गिरती थकी हुई सी लगती है | 
यही चाहते हैं हैं हम सारे
कल फिर से बरसों बून्द | 

कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 5th , अपनाघर

कवि परिचय : यह कविता सुल्तान के द्वारा लिखी गई है  जो की बिहार के रहने वाले हैं  |  सुल्तान को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है | सुल्तान ने इस कविता का शीर्षक " बूँद " दिया है | सुल्तान पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं और और अच्छे बनने की कोशिश करते हैं | 

गुरुवार, 14 नवंबर 2019

कविता : भारत देश

" भारत देश "

भारत  देश है सबसे अच्छा,
हर एक बच्चा बोलता सच्चा |
जिन्होंने अंग्रेजों को मार भगाया,
वही भारत माँ का सच्चा बच्चा |
भगत सिंह ,राजगुरु को दे दिया फँसी,
तब भी बोल बाहें थे हम है भारतवासी |
जहाँ लोग बच्चों को मौका देते,
बच्चों को पढ़ाते और खिलाते |  
भारत  देश है सबसे अच्छा,
हर एक बच्चा बोलता सच्चा |

कवि : गोविंदा कुमार , कक्षा : 3rd , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता गोविंदा के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " भारत देश " है | यह गोविंदा की पहली कविता है इन्होने इस कविता को लिखनेके लिए बहुत कोशिश की थी | गोविंदा एक बहुत ही होनहार छात्र है पढ़ाई के साथ - साथ खेल कूद में भी अच्छा है | 

बुधवार, 13 नवंबर 2019

कविता : पेड़ की इच्छा

" पेड़ की इच्छा "

एक छोटे से पौधे को,
जरा पानी देकर तो देखो | 
वे जन्नत जैसा महसूस करेंगें,
तेरे हर सफर में साथ देंगें | 
चाहे वह एक मुसाफिर की तरह हो,
वे अपने छाया में तुझे बैठाएंगे | 
तेरी हर कठिनाई को झेलेगा,
तेरे लिए एक नया संसार बनाएगा | 
जीवन को खुशियों से भर देगा,
तेरी जरूरतों को पूरा कर देगा | 
जरा पानी तो देकर देख, 
वह तेरे लिए क्या बन जाएगा | 

कवि : सार्थक कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता सार्थक के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | सार्थक को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | यह कविता एक पेड़ की इच्छा के प्रति लिखी है | सार्थक पढ़ाई में बहुत अच्छे हैं | सार्थक इस कविता के द्वारा एक सीख देना चाहता है | 

मंगलवार, 12 नवंबर 2019

कविता : पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा

" पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा "

दिल्ली में छाई धुंध,
हो रही है कठिनाइयाँ खूब | 
तापमान बढ़ता जा रहा है,
प्रदूषण का प्रकोप मंडरा रहा है | 
जनता हो रही है बेबस,
बच्चो को झेलना पड़ रहा है शोषण | 
अब सुधरा दिल्ली अगर,
तो बच जाएगा यह जगत | 
अब लोगों को करना है हड़ताल,
जब हो गया सब बर्बाद | 
देश हो रहा है बेकार,
न जाने कब सुधरेगा यह संसार | 
जल बचावके लिए लड़ना होगा,
नै पीढ़ी के लिए कुछ करना होगा | 
जगह जगह पेड़ लगाना होगा,
 पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा | 

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जो की छत्तीसगढ़ के रहने वे हैं | कुलदीप ने इस कविता का शीर्षक " पर्यावरण को स्वच्छ बनाना होगा " दिया है क्योंकि हर दिन पर्यावरण ख़राब ही होता जा रहा है लोग इसके लिए जागरूक नहीं है इसीलिए यह कविता उन लोगों के लिए है जिसमें दिल्ली एक उदहारण है | कुलदीप को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है | 

सोमवार, 11 नवंबर 2019

कविता : पानी

" पानी "

हाथ धोऊँगा पानी से,
मुन्ना कहता नानी से |
प्यासे को पानी पिलाना चाहिए,
पानी को स्वास्थ्य रखना चाहिए,
हम जाने कितना पानी है,
ये तो बहुत बड़ी कहानी है |
कहीं ओस है तो बर्फ है कहीं,
पानी ही क्या भाप नहीं | 
धरती पर जीवन लाया,
पानी सींचकर खेत लहराया | 

कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा : 5th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता सुल्तान के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " पानी " है | सुल्तान को कवितायेँ लिखने  का बहुत शौक है | यह कविता पानी की सुरक्षा क लिए है | सुल्तान को कवितायेँ लिखने का बाहत शौक है | 

रविवार, 10 नवंबर 2019

कविता : आज़ादी नहीं है

" आज़ादी नहीं है "

हम उदास  नहीं हैं,
हमें उदास कर दिया गया है |
हम हँसना चाहतें हैं ,
सबके सामने
पर हंसने नहीं दिया जाता है |
 नहीं देते हमें पूरी आज़ादी,
घूमने की और कहीं जाने की |
नहीं देते आज़ादी,
अपने इच्छा को प्रकट करने की |
मन तो विचल रहा है,
पर इसे यूँ ही रोक दिया जाता है |

कवि : राज कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता राज के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " आज़ादी नहीं है " है | राज ने यह कविता किसी सन्देश पर लिखी है की कैसे अपना समाज सभी को दबाता है आज़ादी नहीं देता है |

कविता : मत कर तू बुराई

" मत कर तू बुराई "

अब बहुत हो गया है भाई,
अब तू न कर मेरी बुराई |
क्योंकि करना है मुझे पढ़ाई,
अब नहीं करना है किसी से लड़ाई |
चाहे मुझे बिछानी पड़े चटाई,
फिर भी मैं करूँगा पढ़ाई |
मुझे लगता था कर नहीं पाउँगा,
उन उचाईयों को छू नहीं पाउँगा |
चाहे जो भी हो जाए करूँगा मैं पढ़ाई,
छू लूंगा मैं वो सभी उचाई |

कवि : समीर कुमार  ,  कक्षा : 9th , अपना घर 
कवि परिचय :   यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं |समीर ने इस कविता का शीर्षक " मत कर तू बुराई " है | समीर को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | समीर एक संगीतकार बनना चाहते हैं |

शुक्रवार, 8 नवंबर 2019

कविता : प्रदूषण

" प्रदूषण "

अँधेरा सब तरफ छाने लगा,
दूषित होने लगी है हवा | 
कहीं है ज़्यादा कहीं है कम,
अभी भी नहीं समझें है हम | 
हिस्सेदारी इसमें सबकी है,
आज की नहीं 
बीते हुए कल की है | 
ये ले जा रही है तबाही की ओर,
चारों तरफ मच जाया शोर | 
अब तो इसे रोकना होगा, 
आने वाले पीढ़ी के लिए कुछ सोचना होगा | 

कवि अखिलेश कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता अखिलेश के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " प्रदूषण " है | इस कविता में अखिलेश जी नई लिखा है की प्रदूषण दर पे दर बढ़ता ही जा रहा है अगर अभी भी इसको नहीं रोकने की कोशिश करेंगे तो आने वाली पीढ़ी पर बहुत ही बुरा असर पडेगा | 

गुरुवार, 7 नवंबर 2019

कविता : ठण्डी

" ठण्डी "

ठण्डी आया ठण्डी आया,
साथ में अपने कोहरा लाया | 
देखने में होती सभी को दिक्कत,
धुंधला हो जाता है जगह जगह का रास्ता | 
ठण्डी आया ठण्डी आया,
साथ में अपने कोहरा लाया | 
सभी गतिविधियों में आ जाती रूकावट, 
ठण्डी है सभी के सजा की आहट | 
सभी पहन लो गर्म कपड़े की बनावट,
क्योंकि ठण्डी है मुश्किल घड़ी सजावट | 

कवि : विक्रम कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता  विक्रम के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक है " ठण्डी " | विक्रम को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | बढ़ते ठंडी की और यह कवितायेँ संकेत दे रही है की सभी लोग सतर्क हो जाए | विक्रम एक ऑफिसर बनना चाहते हैं | 

बुधवार, 6 नवंबर 2019

कविता : मछुआरा

" मछुआरा "

पड़े रहतें हैं वे नदी के किनारे,
 बिना किसी मछली के सहारे |
मछली  मिले एक भी कभी,
बस ताकते रहतें हैं वे सभी |
कभी मिली तो कभी नहीं,
न मिली तो जातें है कहीं | 
नदी में हो या तालाब में
बस मछुआरा तो रहता
मछलियों की तलाश में |
मछुआरों की जिंदगी मछली है,
उनके हाथों से नहीं निकली मछली | 

कवि : रविकिशन , कक्षा : 10th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता रविकिशन के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " मछुआरा " है | रविकिशन बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं | रविकिशन को कवितायेँ लिखने में बहुत रूचि है | रविकिशन ने यह कविता मछुआरे के जिंदगी पर लिखी है | 

मंगलवार, 5 नवंबर 2019

कविता : वातावरण

" वातावरण "

सर्दी का मौसम आ रहा है,
वातावरण में कुहरा छ रहा है |
इस पल रहना है सावधान,
क्योंकि फ़ैल रहा है खतरनाक जुकाम |
डेंगू मलेरिया  से हमें है बचना,
नहीं तो इस बीमारी से मरना |
ओस से भरा पड़ा है मैदान,
जब तक हो जाए पैर स्नान |
सर्दी का मौसम आ रहा है,
वातावरण में कुछ कोहरा छा रहा है | 

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 8th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता कुलदीप के द्वारा लिखी गई है जिसका शीर्षक " वातावरण " है | कुलदीप को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है और अभी तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | कुलदीप एयरफोर्स में जाना चाहते हैं | कुलदीप पढ़ाई में बहु अच्छे हैं | इस कविता के माध्यम से लोगो को बढ़ते प्रदूषण के बारे में जागरूक करना चाहते हैं | 

सोमवार, 4 नवंबर 2019

कविता : क्यों किया बर्बाद

" क्यों किया बर्बाद "

मैंने सोचा था जब इस जहाँ के बारे में,
इसे खूब बर्बाद किया है यारों ने | 
इस जहाँ को नहीं रखा जीवन लायक,
फिर भी वे सोचते हैं हम हैं खलनायक | 
बिना किसिस वजह के क्यों किया बर्बाद,
फिर क्यों किया इस देश को आज़ाद | 

कवि : समीर कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

कवि परिचय : यह कविता समीर के द्वारा लिखी गई है जो की प्रयागराज के रहने वाले हैं | समीर को कवितायेँ लिखने  का बहुत शौक है और अभी तक बहुत सी कवितायेँ लिख चुके हैं | समीर एक सिंगर बनना चाहते हैं | 

रविवार, 3 नवंबर 2019

कविता : बोना है सफलता के बीज

" बोना है सफलता के बीज "

राह है कठिनाइयों से भरे,
इतना की उम्मीद से परे |
 जिसे करना है पार,
 झूझना है ताकि न हो हार |
कहीं चढान तो  कहीं ढलान,
कहीं ऊँचा तो कहीं नीचा |
चढ़े  न इतना जल्दी थकान,
उन्ही से बनोगे तुम महान |
उभरना है कठिनाइयों के बीच,
बोना है तुम्हें सफलता के बीज | 
इतना से ख़त्म नहीं हुआ रास्ता,
दूसरों के सहारे मत रखो वास्ता | 
राह है कठिनाइयों से भरे,
इतना की उम्मीद से  परे | 

कवि : अखिलेश कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता अखिलेश के द्वारा लिखी गई  जिसका शीर्षक " बोना है सफलता के बीज " है | इस कविता के माध्यम से अखिलेश यह बताना कि किसी भी लक्ष्य की सफलता पाने  राह  आने वाली कठिनाइयों  सामना ज़रूर करना होता है | अखिलेश बिहार के नवादा जिले के रहने वाले हैं और अपना घ संस्था में रहकर अपनी पढ़ाई पूरी कर रहे हैं | 

शनिवार, 2 नवंबर 2019

कविता : बापू

" बापू "

बापू हमारे देश के प्यारे,
हम सब उनके ही सहारे | 
बापू ने हमें राह पर चलना सिखाया,
अंग्रेजों को वह पाठ पढ़ाया | 
बापू ने हमें अंग्रेजों से भिड़ना सिखाया,
बिना तलवार और बिना हथियार 
अंग्रेजों से हमें मिलना बताया | 
बापू हमारे देश के प्यारे,
हम सभी उनके ही सहारे | 
इंग्लैंड में की थी पढ़ाई,
वहीँ से देश के लिए कदम बढ़ाई | 
बापू हमारे देश के प्यारे,
हम सभी उनके ही सहारे | 

कवि : पंकज कुमार , कक्षा : 4th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता पंकज के द्वारा लिखी गई है जो की कक्षा 4 में पढ़ते हैं | पंकज ने इस कविता का शीर्षक " बापू " दिया है | पंकज को कहानियां पढ़ना बहुत अच्छा लगता है | पढ़ाई में बहुत ही अच्छे हैं और हमेशा अपने पढ़ाई के लिए बहुत मेहनत करते हैं | 

शुक्रवार, 1 नवंबर 2019

कविता : शिक्षा को पहचानों

" शिक्षा को पहचानों "

वह शिक्षा क्या जो दूसरों में बाँटी न जा जाए,
वह जीवन क्या जो दूसरों के साथ बिताया न जाए |
तुमने डिग्री हासिल की तो क्या  ही कर लिया,
जब तक तूने ग्रहण किया ज्ञान जीवन से उतार दिया |
बहुत ही किया तुमने उन चीजों की व्याख्या,
बहुत सी खोज को तुमने देखा |
सभी चीजों को जानकर तो देखो
उन सभी को पहचानकर तो देखो |
ये चीजें सुख से आलम्बित है
ये चीजें दूसरों के हित के लिए है |
शिक्षा को समझो फिर बांटों,
न समझाने पर खुद को डाँटो |


कवि : राज कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर


कवि परिचय : यह कविता राज के द्वारा लिखी गये है जो की हमीरपुर  के रहने वाले है | राज को कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | राज ने इस कविता का शीर्षक " शिक्षा को पहचानों " दिया है | राज पदिखकर एक जज बनना चाहतें हैं |