शुक्रवार, 20 मई 2022

कविता : 26 जनवरी

26 जनवरी

 जान हथेली में लेकर वो चल दिए | 

बीन सोचे वह घर से  निकल लिए ,

चाह भी इस देश को आजाद कराऊ | 

इस भारत को एक स्वतंत्र देश बनाऊ ,

कोई खाया गोली तो कोई लगाया फासी | 

पर दी उन्होने हमें आजादी ,

26 जनवरी को उन्होंने बनाया अपना खास दिन |

याद रखा अपना हर रात -दिन ,

कुछ उनमें  सबके प्यारे |

पर कुछ छुपे हुए है बेचारे ,

कवि : कुल्दीप कुमार , कक्षा : 10th 

अपना घर


 

शुक्रवार, 13 मई 2022

कविता : " आंधी"

" आंधी"

 किस ओर चली ये आंधी |  

ठण्ड हवाओ का झोखा अपने संग बांधी ,

थोड़ी वर्षा यहाँ भी गिरा जाओ |  

इस भीषड़ गर्मी में हमको न तड़पाओ ,

सारे पेड़ों में मारी है आम की झोली | 

तुम देखका डर गई हमारी पेड़ भोली ,

थोड़ा हमपर रहम है करना | 

सारे आम को तुम मत झोरना ,

खटटे  -मिट्ठे  पके  आम हमारे | 

तेरे आते डर जाते हम सारे ,

झोपड़ियों को तुम मत उड़ा ले  जाना | 

पड़ता है उन्हें फिर दुबारा बनवाना ,

किस ओर चली ये आधी | 

कवि : कुल्दीप कुमार , कक्षा : 10th 

अपना घर

 

मंगलवार, 10 मई 2022

कविता : "माँ "

"माँ  "

नहीं चाहता धन और दौलत | 

न चाँदी न सोना ,

मुझे चाहिए मेरी माँ का | 

कभी न हो ,

जीवन को त्यागना | 

नहीं चाहता धन और दौलत ,

न चाँदी न सोना | 

क्योकि मेरी माँ है सब से प्यारी ,

माँ की ममता भी अनमोल होता है | 

जिसको नहीं चाहिए खोना ,

ये  भी नहीं चाहता कि |

मेरी वजह  से मेरी माँ को ,

पड़ जाए रोना | 

नहीं चाहता धन और दौलत ,

न  चाँदी न सोना | 

कवि : महेश कुमार , कक्षा : 8th 

अपना घर