सुनो सुनो एक खुशखबरी,
घुस गई जंगल में एक बकरी....
शेर को ये जब संदेशा आया,
उसके समझ में कुछ न आया....
डर से हालत हो गई पतली,
शेर को आने लग गई मितली....
तभी एक बिल्लौटा आया,
शेर को एक तरकीब बताया....
शेर को बाते समझ में आई,
उसने झट से मीटिंग बुलाई....
बन्दर हाथी भालू आए,
गदहा घोड़ा मिलकर गाये....
सबने मिलकर सोच लगाई,
बन्दर की बुद्धि काम में आई....
बन्दर बोला सुनो रे भाई,
बकरी से क्या डरना भाई....
बकरी खाती घास और दाना,
इसमें अपना क्या है जाना....
शेर की जान तब जान में आई,
सबने जंगल में खुशी मनाई....
लेखक: मुकेश कुमार, कक्षा ८, अपना घर