गुरुवार, 31 अगस्त 2017

कविता :पंद्रह अगस्त

 " पंद्रह अगस्त " 

आओ चले पंद्रह अगस्त मनाए ,
सारे हिंदुस्तान में ध्वज लहराए | 
सबको बताएं तिरंगा है शान हमारा, 
पंद्रह अगस्त का दिन खाश है हमारा |  
स्वतंत्रता सेनानी का अरमान है हमारा,
हिंदुस्तानी बच्चों का पैगाम है हमारा,
 स्वतंत्रता दिवस पर खुशहाल देश हो हमारा | |

कवि : विक्रम कुमार , कक्षा : 7th ,अपनाघर


कवि परिचय : मैं विक्रम कुमार हूँ | मेरे माता - पिता बिहार के रहने वाले हैं | मैं अपनाघर में रहता हूँ जहाँ मेरी पढ़ाई को कुछ नया मोड़ मिल रहा है जिससे मैं अपने सपनो को सच कर दिखा सकता हूँ |  मैं अपनी कविताओं में जोश भरे देशभक्ति के लिए कविता लिखता हूँ | 

बुधवार, 30 अगस्त 2017

कविता : यह राही की आवाज़ है

" यह राही की आवाज़ है
यह राही की आवाज़ है,
कह राही है पुकारकर | 
आशा मेरा मंजिल है, 
संघर्ष करना मेरा रास्ता |  
धैर्य ही मेरी  संभावना, 
बस यही है मुझको कहना | 
दूर है मंजिल ,तो दूर ही सही,,
रस्ते में काँटे है ,तो काँटे ही सही | 
वह सफलता ही क्या, 
जो सरलता से मिल जाये | 
वह राही क्या, 
जो कठिनाइयों से पीछे हठ जाये |

कवि : अखिलेश कुमार ,कक्षा : 7th , अपनाघर  

कवि परिचय : मैं अखिलेश कुमार अपनाघर में रहकर शिक्षा ग्रहण कर रहा हूँ | मेरा माता - पिता ईंट भठ्ठों में मजदूरी का कार्य करते हैं | मुझको कवितायेँ लिखने का बहुत शौक है | मैं बिहार से हूँ | 


मंगलवार, 29 अगस्त 2017

Poem: Don't change intension

“Don’t change intension”

IF THE PEOPLE IS LAUGHING ON YOU,
IT’S MEAN YOU ARE DOING SOMETHING NEW.
THEY WILL COMPELLED YOU TO CHANGE VIEW,
AND GIVE IDEA TO YOU.
WOULD BE THINK I CAN CRAZZY,
AND IT WILL BE MAKE YOU MORE LAZY.
BUT YOU PATIENCE AND KEEP ATTENTION,
DON’T CHANGE YOUR INTENSION.

POEM WRITTEN BY : DEVRAJ KUMAR

CLASS:  7TH (a)


Introduction : He is devraj and belongs to Bihar .His parents works in brickyards .He is getting his study from Apnaghar .He is interested in dance and to write poems . He has lots of dream to become something .

शनिवार, 26 अगस्त 2017

poem -We suprised beneath the sky.

why we suprised 

We suprised beneath the sky. 
Why we can not go so high ?
Would be also have feather,
Then we can fly together. 
to sit on the clouds, 
and solve our all doubt .
we face first ray of Sun 
then release the ray of bun 
no any problem and tension
all bad deads forgot,
 switch on television 

Poet - Pranjul kumar , Class -8th , Apnaghar

Introduction -He is Pranjul kumar and he belongs to Chatisgarh .He is from poor family .present time he is living in Apnaghar institute for education .He loves to dance , study listeining music .

शुक्रवार, 25 अगस्त 2017

कविता :सीखो

सीखो 
फूलों से मुस्काना सीखो, 
चिड़ियों से यूँ गुनगुनाना सीखो | 
हवाओं से लहराना सीखो, 
समंदर से यूँ झूमना सीखो |  
पेड़ों से कुछ पाना सीखो, 
भोरों से गुनगुनाना सीखो | 
हिमालयों जैसी सफलता पाना सीखो, 
सूरज से रौशनी फैलाना सीखो |  
चाँद से चमकना सीखो, 
ये है जीवन की अच्छाई | 
सीखते रहो तुम मेरे भाई | 

कवि - देवराज , कक्षा - 7th , अपनाघर 

कवि परिचय - ये हैं बालकवि देवराज कुमार बिहार के रहने वाले है | कवितायेँ लिखने का शौक कक्षा ५ से था यही कारण है कि  ये आज यहाँ है | इसके परिवार वाले ईंट भठ्ठों के मजदूर हैं | इनको डांस करना बेहद पसंद है | 

शनिवार, 19 अगस्त 2017

कविता- प्यारे बनो ,न्यारे बनो

प्यारे बनो ,न्यारे बनो 

प्यारे बनो ,न्यारे बनो,
सबके दिल के दुलारे  बनो | 
करो सदा अच्छे काम ,
जिससे हो जग में तेरा नाम | 
जागनी  पड़ेगी सारी  रात, 
अगर  पाना चाहते हो अपना पथ |  
समय को कभी नहीं करना बर्बाद, 
हमेशा रखना यही याद | 
जिंदगी का लो पूरा आनंद, 
जैसे जिए थे विवेकानंद | 
कवि -देवराज कुमार , कक्षा - 7th ,अपनाघर 


कवि परिचय :  बिहार के रहने वाले देवराज | आजकल कविताओं के बादशाह माने जाते है | ये हमेशा कुछ नई सोच  के साथ अपनी कविताओं  को ख़ूबसूरत बनाते है | ये क्रिकेट खेल में भी माहिर है|  ए बी डिविलियर्स इनके बेस्ट खिलाडी है | इनको   डांस करना बेहद पसंद है | उम्मीद है की ये हमेशा नई सोच के साथ अपनी कविता को लिखेगें |