" आजाद परिंदे है हम "
आजाद परिंदे है हम
दुनिया से घमंड तोड़ देगें
गलतियों को सही करके
सही रास्ते की ओर मोड़ देंगे
आजाद परिंदे है हम
पैरों पर खड़े होकर दिखाएगे
एक दिन संसार को सपनों से सजाएगे
आजाद परिंदे है हम
पक्षी की तरह पूरा दुनिया घुम लगे
गलतियों को सही करके
सही रास्ते की ओर मोड़ देंगे
कवि : अमित कुमार ,कक्षा :7th
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