"अगर हो जाए हम एक साथ खड़े "
अगर हो जाए हम एक साथ खड़े
इस महामारी में एक साथ लड़े
एक दूजे को सर्तक करबाना है
इस समय कोशिश है कि जान बचाना है
कही भी जाना , मास्क अवश्य लगाना
झुण्ड में न रह , दो गज दूरी बनाना है
खासी या जुखाम , आए तो डॉक्टर के संपर्क में आना है
चाहे हो जितनी जिल्लत फिर भी एक जोर लगाना है
इस कोरोना काल में एक दूजे का साथ निभाना है
कवि :प्रांजुल कुमार , कक्षा : 12
अपना घर
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