रविवार, 16 अप्रैल 2017

कविता : हिंदी


हिंदी 

       हिंदी दिवस पर अरमान लगाए रखना,
हिंदी में बिंदी लगाकर,
इसकी पहचान बनाए रखना | 
इस संसार में भाषाएँ है अनेक, 
उनमें से हिंदी भाषा है एक  | 
रंग लाएगी एक शब्द बोलकर देखो 
न होगी कोई कठिनाई,
बाजार में बाल काट रहा होगा नाइ | 
नहीं आएगी तो चिल्लाओगे माई -माई,
क्योंकि लगा दिया है हमने|

                                                                                                कवि :अखिलेश कुमार , कक्षा : 7th ,अपनाघर



                                                                                            

वि का परिचय: अखिलेश   "अपना घर" परिवार के सदस्य है। ये  बिहारके रहने वाले है। इनका परिवार ईंट भठ्ठे में पथाई  का कार्य करते है. अखिलेश  यंहा "आशा ट्रस्ट" के कानपुर केंद्र "अपना घर" में रहकर, शिक्षा ग्रहण कर रहे है। वर्तमान में ये कक्षा ७ के छात्र है।  अखिलेश  को कवितायेँ लिखना अच्छा लगता है। क्रिकेट के दीवाने है,  अखिलेश  को खेलना बहुत पसंद है। हमें उम्मीद है कि आपको इनकी ये नवीन रचना पसंद आएग

शनिवार, 15 अप्रैल 2017

कविता: मुश्किलें

"मुश्किलें"

मुश्किलें  की आहत आई ,
ओठों में उदासी  सी छाई | 
वो फूल  का खिलना ,
वो तेज हवा का चलना | 
उससे डटकर खड़े रहना ,
पंखुडिया जैसे न छेड़ना |   
इसे कहते है जिंदगी की पहले पाँव का चढ़ना | 
वो चन्द्रमा की प्रकाश की तरह बौछार करना |  
अँधेरी सी मुश्किलों में प्रकाश को भरना | 
कभी न किसी मुशिकलों से डरना , 
यही है मेरी चाहत आगे को ही है बढ़ना  |

कवि: राज , कक्षा 8th, कानपुर



कवि का परिचय: राज   "अपना घर" परिवार के सदस्य है। ये हमीरपुर, उत्तर प्रदेश के रहने वाले है। इनका परिवार ईट भठ्ठों में प्रवासी मजदूर का कार्य करते है. यंहा "आशा ट्रस्ट" के कानपुर केंद्र "अपना घर" में रहकर, शिक्षा ग्रहण कर रहे है। वर्तमान में ये कक्षा 8 th  के छात्र है। राज को कवितायेँ लिखना अच्छा लगता है। हमें उम्मीद है कि आपको इनकी ये नवीन रचना पसंद आएगी।                             

सोमवार, 10 अप्रैल 2017

कविता :खुशियाँ फिर आएंगी

खुशियाँ फिर आएंगी 

अपने घर भी खुशियां आएगी,
अपने घर भी रंग छाएगी | 
बस धैर्यता को साथ चाहिए ,
हर वो ख्वाब पूरे होंगें | 
हम खुशियों के रंग में झूमेंगें,
बस थोड़ा सा विश्वास  चाहिए,
एक दोस्त का साथ चाहिए | 
   अपने सपनों को सच कर  पायेंगें,
हम नई दुनियाँ बनायेंगें,
 फिर उसको दिल से सजायेंगे  | 
वो खुशियां फिर से आएंगी, 
अपने घर रंग छाएंगी | 
कवि देवराज कुमार ,कक्षा 7th अपना घर 


कवि का परिचय: देवराज "अपना घर" परिवार के सदस्य है। ये बिहार के रहने वाले है। इनका परिवार ईट भठ्ठों में प्रवासी मजदूर का कार्य करते है. देवराज यंहा "आशा ट्रस्ट" के कानपुर केंद्र "अपना घर" में रहकर, शिक्षा ग्रहण कर रहे है। वर्तमान में ये कक्षा 7th  के छात्र है। देवराज को कवितायेँ लिखना अच्छा लगता है। क्रिकेट के दीवाने है, विराट कोहली इनके पसंद खिलाड़ी  है। देवराज को डांस करना बहुत पसंद है। हमें उम्मीद है कि आपको इनकी ये नवीन रचना पसंद आएगी।

मंगलवार, 4 अप्रैल 2017

कविता :होली

" होली  "

रंग भरी पिचकारी लाई,
होली आई होली आई । 
रंग भरे इस त्यौहार में,
रंगों की बौछार में । 
भीगे है अपने बदन ,
होली में है  सब मगन । 
अबीर गुलाल और चली पिचकारी,
रंगों की गोलिया है भारी । 
छुप  छुप  कर तुम रह जाओगे,
रंगों से कैसे बच पाओगे ।  
पूरा शरीर  रंग रंगीला,  
हरा , लाल और पीला  । 
ख़ुशी भरी आहार में , 
रंगों की बौछार में  । 
कवि : प्रांजुल  कक्षा :7th  अपना घर 


कवि का परिचय: प्रांजुल  "अपना घर" परिवार के सदस्य है। ये छत्तीसगढ़  के रहने वाले है। इनका परिवार निर्माण कार्य  में प्रवासी मजदूर का कार्य करते है. प्रांजुल  यंहा "आशा ट्रस्ट" के कानपुर केंद्र "अपना घर" में रहकर, शिक्षा ग्रहण कर रहे है। वर्तमान में ये कक्षा ७ के छात्र है।  प्रांजुल को कवितायेँ लिखना अच्छा लगता है। क्रिकेट के दीवाने है,  प्रांजुल को खेलना बहुत पसंद है। हमें उम्मीद है कि आपको इनकी ये नवीन रचना पसंद आएगी।

सोमवार, 3 अप्रैल 2017

कविता: साल


  "  साल  "

बीत गया साल पता न चला यार,
आके गई ऐसे जैसे कोई बयार ।
हर चीज को सँभालने में,
खुद को इस कदर ढालने में ।
किस बात की जीत या हार,
बीत  गया साल पता न चला यार  । 
क्या हुआ समझ न आया,
समय पल भर में कैसे गुजर गया ।
सबसे मुख मोड़ गया,
बीता हुआ कल छोड़ गया ।
किसी को ख़ुशी, किसी को प्यार,
बीत गया साल पता न चला यार ।

कवि:  देवराज,  कक्षा  7th, अपना घर

कवि का परिचय: देवराज "अपना घर" परिवार के सदस्य है। ये बिहार के रहने वाले है। इनका परिवार ईट भठ्ठों में प्रवासी मजदूर का कार्य करते है. देवराज यंहा "आशा ट्रस्ट" के कानपुर केंद्र "अपना घर" में रहकर, शिक्षा ग्रहण कर रहे है। वर्तमान में ये कक्षा 6th के छात्र है। देवराज को कवितायेँ लिखना अच्छा लगता है। क्रिकेट के दीवाने है, ए वी डिविलयर्स इनके आदर्श है। देवराज को डांस करना बहुत पसंद है। हमें उम्मीद है कि आपको इनकी ये नवीन रचना पसंद आएगी।