" जब अपना देश था गुलाम"
जब अपना देश था गुलाम,
अंग्रेजों का था यहाँ कोहराम |
देश में न थी कोई खुशहाली,
देशवासियों पर करते थे अत्याचारी |
गाँधी ने देशवासियों का साहस बढ़ाया
अपने हक़ के लिए विरोध करवाया |
खाकी धोती और घड़ी लटकाये ,
जीवन में सत्य अहिंसा अपनाये |
अंग्रेजों को कर दिया मजबूर ,
जाना पड़ा भारत छोड़कर दूर |
स्वतंत्र हुआ अपना भारत देश,
खुशियों से भर उठा भारत देश |
कवि : प्रांजुल कुमार , कक्षा 8th ,अपनाघर
कवि परिचय : हमेशा पढ़ाई में रूचि रखने वाले ये हैं प्रांजुल कुमार | औरों के साथ हमेशा दोस्तों के तरह बातें करते हैं | कविताएं लिखने मैं रूचि रखते है | खेलने में वॉलीबाल बहुत पसंद है |