" प्रकृति ने खुशहाली से "
प्रकृति ने खुशहाली से ,
इस पर्यावरण को सजा दिया |
निर्मल जल से ,
सबका प्यास बुझा दिया|
सूरज की कड़कती किरणे ,
धरती के हर कोने में उजिया फैलाए|
उन पेड़ पौधों को नव जीवन प्रदान कराए,
पक्षी के पाँखों को चमका देता है |
उन नाजुक से फूलों को खिलखिला देता है,
शीतल पवन के झोंकों |
शरीर के हर अंग -अंग को छू जाता ,
प्रकति ने खुशहाली से |
पर्यावरण को सजा दिया,
कवि :प्रांजुल कुमार ,कक्षा :12
अपना घर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें