"हाय ये गर्मी"
हाय ये गर्मी ने मार डाला,
सूरज का भी बड़ा है पारा |
टप -टप टपक रहा है पसीना,
पैर -हाथ हो या सीना |
गरम हवाएं के झोके ख़तर नाक ,
लू से बचकर रहना मेरे यार |
लाइट से भी हो गए हम परेशान,
न सुबह न रात में अब आराम |
हाय ये गर्मी ने मार डाला ,
सूरज का भी बड़ा है पारा |
बाहर घूमना हो गया बेकार,
कोरोना और गर्मीका है वॉर |
हाय ये गर्मी ने मार डाला ,
सूरज का भी बड़ा है पारा |
कवि : कुलदीप कुमार ,कक्षा :10
अपना घर
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