"मै जिंदा हूँ इस संसार में "
मै जिंदा हूँ इस संसार में ,
ये मेरी मजबुरी नहीं है |
मैं जिंदा हूँ इस संसार में ,
क्यों कि इस संसार को मेरी जरूरत है |
मै अकेला इस संसार में रह नही सकता ,
मुझे हवा , पानी , धूप चहिए |
जिंदा रहने के लिए ,
आगे साथ चलने के लिए |
एक नई दुनिया बसाने के लिए ,
वो भले ही क्यों ना |
मनुष्य हो या हो फिर कोई जीव ,
कवि : नितीश कुमार , कक्षा :11
अपना घर
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