"माँ "
नहीं चाहता धन और दौलत |
न चाँदी न सोना ,
मुझे चाहिए मेरी माँ का |
कभी न हो ,
जीवन को त्यागना |
नहीं चाहता धन और दौलत ,
न चाँदी न सोना |
क्योकि मेरी माँ है सब से प्यारी ,
माँ की ममता भी अनमोल होता है |
जिसको नहीं चाहिए खोना ,
ये भी नहीं चाहता कि |
मेरी वजह से मेरी माँ को ,
पड़ जाए रोना |
नहीं चाहता धन और दौलत ,
न चाँदी न सोना |
कवि : महेश कुमार , कक्षा : 8th
अपना घर
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