मंगलवार, 10 मई 2022

कविता : "माँ "

"माँ  "

नहीं चाहता धन और दौलत | 

न चाँदी न सोना ,

मुझे चाहिए मेरी माँ का | 

कभी न हो ,

जीवन को त्यागना | 

नहीं चाहता धन और दौलत ,

न चाँदी न सोना | 

क्योकि मेरी माँ है सब से प्यारी ,

माँ की ममता भी अनमोल होता है | 

जिसको नहीं चाहिए खोना ,

ये  भी नहीं चाहता कि |

मेरी वजह  से मेरी माँ को ,

पड़ जाए रोना | 

नहीं चाहता धन और दौलत ,

न  चाँदी न सोना | 

कवि : महेश कुमार , कक्षा : 8th 

अपना घर

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