मंगलवार, 19 नवंबर 2019

कविता : जिंदगी को अपने शरण देती हैं

" जिंदगी को अपने शरण देती हैं "

मैं  उस आसमाँ के बारे सोचता हूँ, 
जो इतने सरे जिंदगी को अपने शरण देती हैं | 
मैं उस बात को सोचता हूँ,
जो कुछ अजीब सा जिंदगी देते हैं | 
कभी - कभी मैं कुछ और सोचता हूँ,
जो हंसी  और उल्लास से भर देती है | 
एक मनुष्य इतने सारी गलतियाँ 
इस स्तिथि में रहना सीख लें | 

कवि : विक्रम कुमार ,  कक्षा : 9th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता विक्रम के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | विक्रम को कवितायेँ लिखने  बहुत शौक है | विक्रम  ने इस कविता का शीर्षक " जिंदगी को अपने शरण देती हैं " दिया है | इस कविता के माध्यम से हमें बहुत ही शिक्षा मिलती है 

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