"एक मौका"
एक मौका देकर तो देखो |
हम सवर जाएंगे
चाहे कितनी कठिन क्यों न हो रास्ता |
हम खड़े हो जाएंगे
जो वर्षों से सूखी पड़ी थी जमीन |
वो जाने कब मर जाएंगे
एक मौका देकर तो देखो |
बूंद बनकर बरस जांएंगे
चाहे कितनी गहरी क्यों न हो यह समुद्र |
गोता लगाकर हम आएंगे
वर्षों से रोता था अपनों के लिए |
आज वो मिल जाएंगे
एक मौका देकर तो देखो |
हम संभल जाएंगे
कवि :सुल्तान ,कक्षा :9th
अपना घर
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