"कोशिश "
मै कोशिश कर रहा हूँ आगे बढ़ने की |
अपने कदम को आगे बढ़ाने की
धीरे -धीरे मै चलना सीख रहा हूँ |
चलते वक्त भले ही गिर रहा हूँ
फिर भी मै कोशिश कर रहा हूँ|
अचानक से मै दौड़ नहीं सकता
पर एक -एक कदम बढ़ाता हूँ |
आज मै भले ही हजार बार गिरता हूँ
पर शायद मै चलना सीख रहा हूँ |
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर
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