"गर्मी "
तर -तर पसीना चू रहा है |
पूरा बदन पानी से भीग रहा है,
गर्मी में हल बेहाल है |
मौसम में भी थोड़ा उबाल है,
सूरज का अपना भौकाल है |
दोपहर में निकलना खराब है,
पूरा भारत गर्मी से परेशान है|
ये गर्मी प्रदूषण की पहचान है,
तर -तर पसीना चू रहा है |
पूरा बदन पानी से भीग रहा है,
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :9th
अपन घर
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