"गर्मी"
गर्मी में नहीं आता है नींद |
जल्दी ही हो गर्मी मौसम का एन्ड
सोते समय से हो जाओ लतपत |
पंखा का पता नहीं अब तक
गर्मी में नहीं आता है नींद |
बस एक ही चीज ओटते रात दिन
बारिश का कोई अता पता नहीं |
बूंद का कोई पता नहीं
कवि :अजय कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर
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