"मौसम "
आसमान में है बादल काले -काले |
लटक रहे है बूंद ढ़ेर सारे
तरल हवाएं बह रही है |
मौसम अपने आप सज रही है
शाम सुहाना हो जाता है |
रिमझिम -रिमझिम बूंद टपक रहे है
पत्तों से मस्त लटक रहे है|
फल गिर रहे है टप -टप
मौसम को देखकर हो खुश सब |
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर
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