"गर्मी"
गर्मी आई गर्मी आई |
कड़क धूप की गर्मी आई ,
यंहा वंहा वो लूँ चलाई |
सूरज दादा को लाज़ न आई,
कड़क धूप की गर्मी आई |
सब बच्चों को वो खूब सताई,
सूरज दादा को लाज़ न आई |
गर्मी आई गर्मी आई ,
कड़क धूप की गर्मी आई|
कवि : सनी कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर
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