"चिड़िया "
काश मै चिड़िया होता तो |
घूम लेता मै सारा संसार ,
कभी पेड़ पौधों में बैठता तो|
कभी आसमान में पंख फैलाकर उड़ता,
तो कभी गाना गाकर |
लोगो का दिल बहलाता,
और सुबह की रौनक को बढ़ता |
काश मै चिड़िया होता तो,
फल को मन चाहे जब खाता|
और आकाश में उड़ जाता,
काश मै चिड़िया होता|
कवि :सार्थक कुमार, कक्षा :12th
अपना घर
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