बुधवार, 24 मई 2023

कविता "चिड़िया "

"चिड़िया " 
काश मै चिड़िया होता तो | 
घूम लेता मै सारा संसार ,
कभी पेड़ पौधों में बैठता तो|  
कभी आसमान में पंख फैलाकर उड़ता, 
तो कभी गाना गाकर | 
लोगो का दिल बहलाता, 
और सुबह की रौनक को बढ़ता |  
काश मै चिड़िया होता तो, 
फल को मन चाहे जब खाता|  
और आकाश में उड़ जाता, 
काश मै चिड़िया होता|  
कवि :सार्थक कुमार, कक्षा :12th
अपना घर  

कोई टिप्पणी नहीं: