"कविता "
काश मै कविता होती |
हजारो लाखों के बीच होता,
किसी के हाथों से मै लिखा जाता|
तो किसी के लफ्जों में पढ़ा जाता,
काश मै कविता होती |
शब्दों से मै गूंथा जाता ,
वाक्यो से मै पिरोया जाता |
गहनों जैसी अभूषण होता ,
काश मै कविता होती |
कवि :नितीश कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर
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