मंगलवार, 30 मई 2023

कविता :"राज़ "

"राज़ "
आओ एक राज बताए | 
उड़ाती आसमान में पतंग, 
धागो के बंधनो में बांधकर|  
गर्व का सौख बढ़ाता है ,
आज़ाद रहने का अनुभव कराता है|  
आसमान में उड़ते चिड़िया की तरह, 
हर दिशा सफर कर लेता है | 
पहाड़ की सीमा को लांघकर ,
स्वतंत्र उड़ती आसमान में | 
अनेक रूप दिखलाती है ,
आओ एक राज बताए | 
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर  
 


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