"राज़ "
आओ एक राज बताए |
उड़ाती आसमान में पतंग,
धागो के बंधनो में बांधकर|
गर्व का सौख बढ़ाता है ,
आज़ाद रहने का अनुभव कराता है|
आसमान में उड़ते चिड़िया की तरह,
हर दिशा सफर कर लेता है |
पहाड़ की सीमा को लांघकर ,
स्वतंत्र उड़ती आसमान में |
अनेक रूप दिखलाती है ,
आओ एक राज बताए |
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर
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