"चल गलती से सीख "
गलत हुआ ,रूठ मत |
गलत किया ,टूट मत ,
ढूंढो पहचानो उस गलती को मानो |
सुधर उसे फिर तू जीत ,
गलत हुआ ,चल गलती से सीख|
हताश मत हो ,
उसे वहीं पीछे छोड़ या फेंक|
मंजिल जिस ओर है ,
उसी ओर तू देख |
जो हुआ सो हो गया,
अब अखरना ही क्यों|
छड़ भर का तो एक भूल होता ही है,
हाँ गलत हुआ , चला गलती से सीख |
कवि :पिंटू कुमार,कक्षा 8th
अपना घर
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