सोमवार, 22 मई 2023

कविता "चल गलती से सीख "

"चल गलती से सीख "
  गलत हुआ ,रूठ मत | 
गलत किया ,टूट मत ,
ढूंढो पहचानो उस गलती को  मानो | 
सुधर उसे फिर तू जीत ,
गलत हुआ ,चल गलती से सीख|  
हताश मत हो ,
उसे वहीं पीछे छोड़ या फेंक|  
मंजिल जिस ओर है ,
उसी ओर तू देख | 
जो हुआ सो हो गया, 
अब अखरना ही क्यों|  
छड़ भर का तो एक भूल होता ही है, 
हाँ गलत हुआ , चला गलती से सीख |  
कवि :पिंटू कुमार,कक्षा 8th 
 अपना घर 

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