"मौसम "
अब मौसम को क्या बताना |
कभी कड़क गर्मी और धूप में मंडराना,
कभी काले बादलो से सूरज को ढक ले जाना|
बारिश का मौसम का अब न कोई ठिकाना,
अब मौसम को क्या बताना |
चलती और बहती झरनो को सुखा देना ,
प्रकृति में गर्मी से उथल-पुथल होना |
अब मौसम को क्या बताना,
कभी कड़क गर्मी और धूप में मंडराना |
कवि :अमित कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर
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