"आज़ादी "
आज़ादी की राह थी मुश्किल |
लोग भूल गए जान गई थी जिनकी
सब अपना -अपना काम बनाते |
स्वतंत्र दिवस पर इनके नाम गाते
कितने भोले है यह इंसान |
कुछ खो बैठे है अपना ही इमान
कितना संघर्ष था उनके जीवन में |
फिर भी जान दे दी आज़ादी लेने में
अब लोगो को फर्क नहीं पड़ता इसपर |
आपस में ही लड़ रहे है दिन भर
आज़ादी की राह थी मुश्किल |
लोग भूल गए जान गई थी जिनकी
कवि :कुलदीप कुमार ,कक्षा :12th
अपना घर
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