"दोस्ती "
दोस्त उसे बनो जो दोस्ती के काबिल हो |
जो जरूरत पड़ने पर हर वक्त हाजिर हो
जिस पर बिना शक किये |
भरोसा करने पर वाजिब हो
दुःख के पथ हो या खुसी के घडी |
जिसको सिर्फ तुम्हारी फ़िक्र हो पड़ी
सुख के वक्त तो ऐसा लगे जैसे |
किसी पौधे पर हो गुलाब की काली
उसकी या हमरी आँखे नम न हो |
एक दूसरे की ख़ुशी देखकर गम न हो
दोस्तों की ऐसी दोस्ती हो |
जिसका प्यार कभी काम न हो
कवि :सार्थक कुमार। कक्षा 12th
अपना घर
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