"समय "
हर वक्त और हर समय में |
यह सोचता रहता हूँ ,
समय से हर वक्त मैं लड़ता रहता हूँ |
इंसान वही है जो इस मुश्किलों ,
मैं अपनी तक़दीर बदल दे |
मत सोच क्या होगा आने वाले ,
समय में . . .|
क्या पता तेरे जज्बात और ,
हौसलों को देख कर |
वक्त भी अपना समय बदल दे ,
हर वक्त और समय में |
यह सोचता रहता हूँ ,
कवि :संजय कक्षा :12th
अपना घर
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