शनिवार, 28 जनवरी 2023

कविता : समय

"समय "

 हर वक्त और हर समय में | 
यह सोचता रहता हूँ ,
समय से हर वक्त मैं लड़ता रहता हूँ | 
इंसान वही है जो इस मुश्किलों ,
मैं अपनी तक़दीर बदल दे | 
मत सोच क्या होगा आने वाले ,
समय में . . .| 
क्या पता तेरे जज्बात और ,
हौसलों  को देख कर | 
वक्त भी अपना समय बदल दे ,
हर वक्त और समय में | 
यह सोचता रहता हूँ  ,








कवि :संजय  कक्षा :12th 
अपना घर 

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