" हरियाली "
फैली है चारों तरफ हरियाली,
पत्तियों से लदी है हर एक डाली |
नई कोपलें निकल रहीं हैं,
हर जगह मचल रहीं हैं |
कहीं घास तो कहीं है पेड़,
कहीं फल है तो कहीं है बेर |
अपने बल पर कल सुधारें
प्रदूषण सारे नियंत्रण करे |
नित हमें लगाना है पेड़,
करना है प्रदूषण को ढेर |
कवि : मंगल कुमार , कक्षा : 4th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता मंगल के द्वारा लिखी गई है जो की मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं | मंगल को कवितायेँ लिखना बहुत पसंद है और बहुत ही कवितायेँ लिखते हैं | मंगल को नई चीजें सीखना बहुत पसंद है और सदैव सिखने के लिए तत्पर्य रहते हैं |
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