सोमवार, 13 अप्रैल 2020

कविता : कोरोना के खिलाफ जंग

" कोरोना के खिलाफ जंग "

यह जंग हमारा है,
कोरोना तुमने कितनों को मारा है | 
सब  बदला करेंगें हम चुकता,
जब हमें मिलेंगा रास्ता |
अब तू दुबारा न आएगा,
यह पल तुम्हें बहुत सताएगा | 
बस अब कर लिया राज तुमने,
नहीं छोड़ेंगें चाहे मर पड़े हम | 
तूने जितना दर्द दिया हमें,
हर एक चीज की लिस्ट बनाई है हमने | 
घर से बाहर ही नहीं जाएंगें,
तो कोरोना कैसे मुझे पाओगे | 

कवि : कुलदीप कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर

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