" कुछ कर दिखाना है "
जिंदगी में कुछ अनोखा करना है,
जलते मशाल से भी ऊँचा उठना है |
नीले आसमान से बादलों को देखना है,
पहाड़ों में चढ़कर मुझे दिखाना है |
जिंदगी में कुछ अनोखा करना है,
चमकते तारों को करीब से देखना है |
अपनी जिन्दगी में नया करना है,
लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाना है |
उस जिन्दगी को नया करना है,
जो सालों से बंजर थी
प्रेम के बीज डाल , उन्हें उपजाऊ बनाना है |
नाम : संजय कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता संजय के द्वारा लिखी गई है जो की झारखण्ड के रहने वाले हैं | संजय को कवितायेँ लिखना और उन्हें लोगों तक पहुँचाना बहुत अच्छा लगता है | संजय को मेहनती की तरह काम करा पसंद है और सारे कामों को बहुत ही लगन से करते हैं |
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