शनिवार, 4 अप्रैल 2020

कविता : कुछ कर दिखाना है

" कुछ कर दिखाना है "

जिंदगी में कुछ अनोखा करना है,
जलते मशाल से भी ऊँचा उठना है | 
नीले आसमान से बादलों को देखना है,
पहाड़ों में चढ़कर मुझे दिखाना है | 
जिंदगी में कुछ अनोखा करना है,
चमकते तारों को करीब से देखना है | 
अपनी जिन्दगी में नया करना है,
लोगों को अपनी प्रतिभा दिखाना है | 
उस जिन्दगी को नया करना है,
जो सालों से बंजर थी 
प्रेम के बीज डाल , उन्हें उपजाऊ बनाना है | 

नाम : संजय कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर 

कवि परिचय : यह कविता संजय के द्वारा लिखी गई है जो की झारखण्ड के रहने वाले हैं | संजय को कवितायेँ लिखना और उन्हें लोगों तक पहुँचाना बहुत अच्छा लगता है | संजय को मेहनती की तरह काम करा पसंद है और सारे कामों को बहुत ही लगन से करते हैं |

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