" यह साल बहुत अजीब है "
यह साल बहुत अजीब है,
मौज मस्ती कुछ भी नहीं नसीब है |
पहले NCR और CAA ने फैलाया झमेला,
अब कोरोना ने भारत को पीछे धकेला |
स्टूडेंट्स ने सोचा था
यह साल हमारा है
हम अपने क्लास में टॉप करेंगें,
हालत देखकर लग रहा है |
उसी क्लास में दुबारा पढेंगें |
ये साल बहुत ही अजीब है,
मौज मस्ती कुछ भी नहीं नसीब है|
कवि : कामता कुमार , कक्षा : 9th , अपना घर
कवि परिचय : यह कविता कामता के द्वारा लिखी गई है जो की बिहार के रहने वाले हैं | कामता एक जिज्ञासु बालक है और कुछ नया सिखने के लिए सदैव आगे रहते हैं | कक्षा 9 के विद्यार्थी कामता अच्छी कवितायेँ लिखते हैं |
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें