" मौसम से क्या है कहना "
मौसम से क्या है कहना |
जो हरदिन बदल जाए ,
उगते हुए सूरज को भी |
इन काले बादलों से ढ़क जाये ,
बादलों से कुछ बुँदे वर्षा दे |
सूखे पेड़ और फसलों का मुस्कान लौटा दे,
जरा इन बादलों से कुछ बुँदे गिरा दे |
सूखे नदिया और झरनो को तू ,
फिर से पुनर्जिवित करवा दे |
जरा इन बदलो से कुछ बुँदे वर्षा दे,
इन सूखते हुए पेड़ो को हरित बना दे |
जरा इन बदलो से कुछ बुँदे वर्षा दे,
बंजर सी जमीन का प्यास तो मिटा दे |
कवि :- सनी कुमार ,कक्षा :7th
"अपना घर "
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