" मै अब भी याद करता हूँ "
मै अब भी याद करता हूँ |
उस पल को ,
जब मै घुटनों के बल चलता था |
मुझे याद हैं वह दिन ,
जब खटिए से गिर जाता था |
मुझे याद है वह दिन ,
जब मै मिट्टी से सना रहता था |
उसे डर था की कहीं गिर ना जाए कहीं वह ,
एसलिए उँगली पकड़ कर चलता था |
उसे मालूम था कि खो ना जाए कहीं वह ,
एसलिए हाथ नहीं छोड़ता था |
मै अब भी याद करता हूँ ,
उस पल को |
कवि : सुल्तान कुमार , कक्षा :7
अपना घर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें