"प्रकृति "
ये जंहा है मुझको प्यारा ,
जहा पनपती है जीवन सारा |
यंहा हर प्रकार की बहार है ,
जंहा सूरज के उगने से जगमगाता संसार है |
कितना प्यारा और सुन्दर जंहा है ,
जंहा बस्ती हर तिनको पर जान है |
हर रीतियुओ की यंहा बौछार है ,
जंहा चमचमाता हमारा ब्रह्माण्ड है |
ये जहान है मुझको प्यारा ,
जंहा पनपती है जीवन सारा |
कवि :संतोष कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर
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