"आजादी"
आजादी यूँ ही नहीं मिलती ,
इसमें कुछ खोना पड़ता है |
कई जंग लड़ना पड़ता है,
और मुस्किलो से गुजरना पड़ता है |
आजादी हमें यूँ ही नहीं मिलती है,
कई कुर्बानिया लेनी पड़ती है |
तो कई कुर्बानिया देनी पड़ती है ,
न जाने कितनो ने अपना खून बहाया होगा |
और कितनो शूली पर चढ़ा होगा ,
आजादी यूँ ही नहीं मिलती |
न जाने कितना कष्ट सहा होगा,
और जाने कितना कोड़े खाये होंगे |
तब जाके ये आजादी मिली होगी ,
आजादी यूँ ही नहीं मिलती |
कवि :सुल्तान ,कक्षा :10th
अपना घर
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