"हाँ सीखा मैंने "
गिर -गिर कर मैंने चलना सीख लिया,
गलती कर-कर के वो चीज करना सीख लिया |
छोटी -छोटी प्रयासों से ही मैंने ,
कठिनाइओं से लड़ना सीख लिया |
कठिनाईओ से लड़ -लड़ कर मैंने ,
जिंदगी को जीना सीख लिया |
आगे बढ़ -बढ़ के रास्तों पर ,
कैसे चलना है मैंने वो भी सीख लिया |
गिर -गिर कर मैंने चलना सीख लिया ,
मेरे जिंदगी ने और कुछ भी सिखाया |
मैंने वो भी सीख लिया ,
गलती कर-कर के वो चीज करना सीख लिया |
कवि :गोविंदा कुमार ,कक्षा :8th
अपना घर
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