"वह लड़का "
कड़क धूप में भी गुनगुनाता है ,
बरसती बरसात में भी चलता है |
हर बार फिसलता है ,हर बार घिसटता है |
हिम्मत हर कर भी नहीं रूकता है ,
वह लड़का है जो सारे आसूं पी जाता है |
सबके ताने सह जाता है ,
हर गम झेल जाता है
हर पल धोखा दे जाता है |
हिम्मत हर कर भी नहीं रूकता है ,
वह लड़का जो सरे आंसू पी जाता है |
कभी जब फेल होता है ,
सब कहते है तू करेगा जिंदगी में
ये सब सुनकर भी हँसता रहता है |
हिम्मत हार कर भी नहीं रूकता है ,
वह लड़का है जो सारे आंसू पी जाता है |
कवि :सुल्तान ,कक्षा :10th
अपना घर
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