"खुशी बाटी है "
क्या तुमने भी किसी को खुश किया है ?
या फिर दो पल हंसाया है |
क्या तुमने भी गिरे लोगो को उठाया है ?
या फिर रूठे हुए को मनाया है |
क्या कभी शांत वातावरण में जिया है ?
या फिर शोर- शराबे में रोया है |
क्या तुमने किसी को धमकाया है ?
या फिर किसी को मारा है |
मेरे तो दिन बुरे है आज ,
पर क्या तुमने इसे कभी आजमाया है ?
कवि :पंकज कुमार ,कक्षा :9th
अपना घर
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