"नया करे "
चल आज कुछ नया करते है ,
हाथ में हाथ मिलाकर
एक विश्वाश बनाते है|
अपने सोच विचार को बदलते हुए ,
एक नए विश्वाश के साथ
उम्मीद की आस जगाते है |
चल आज कुछ नया करते है ,
हाथ में हाथ मिलाकर
एक दूसरे को साथ देते है
चल आज कुछ नया करते है|
हाथ में हाथ मिलाकर
अपने विचार को बदलते है |
कवि :गोपाल कुमार ,कक्षा :7th
अपना घर
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