सोमवार, 26 अक्तूबर 2020

कविता : - मै एक लड़की हूँ तो क्या हुआ

"मै एक लड़की हूँ तो क्या हुआ"
मै एक लड़की हूँ तो क्या हुआ।
मै भी एक इंसान हूँ।।
मुझे भी जीने का हक़ है। 
इस खुले हवा आसमान में।।
क्यों देखते है घूरकर इस पूरे समाज में।
रोक लगी है घूमने फिरने पर।।
घुट रहे है हम इस चार दीवार में।
क्यों कमेंट करते है कपड़ो पर।।
गली के मनचले।
सरकार कुछ कर नहीं रही।।
घूम रही निठल्ले।
उठ खड़ी हो जाओ ओ लड़कियों।।
लड़ चलो इस समाज से। 
अपनी इस लड़ाई और साहसपूर्ण बलिदान से।।
कमजोर समझा जाता है हमें।
इस पूरे समाज में।।
आओ दूर करे इस समाज से।
फैली पड़ी कुरीतियाँ ।।
मै लड़की हूँ तो क्या हुआ।
मै भी एक इंसान हूँ।।
 
 कविः - राज कुमार ,कक्षा - 11th , अपना घर ,कानपुर ,

 
 कवि परिचय : यह हैं राज कुमार जो की कक्षा - 11th के विद्यार्थी हैं।  2013 से यहाँ रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे हैं।  वैसे तो यह हमीरपुर के निवासी है । पढ़ाई    में तो अच्छे हैं ही  और कवितायेँ भी अच्छी लिखते हैं।

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