शुक्रवार, 30 अक्तूबर 2020

कविता :- मेरे खुशियों की जिंदगी में

"मेरे खुशियों की जिंदगी में"
मेरे खुशियों की जिंदगी में।
चाँद तारो का बसेरा है ।।
उगते हुए सूरज की तरह। 
मेरे जिंदगी का सवेरा है ।।
हर कदम सोच कर रखेते है।
 परिवार का हालत देख डरते है ।।
करना है कुछ बड़ा उनके लिए।
 यही सोच रखते है ।।
फैसला जो किया है वो करके निभाएंगे।
बस जिंदगी में आगे ही आगे बढ़ते जायेंगे।।
चाहे जितनी भी रूकावट आये रहो में।
हर रूकावट से लड़ जायेंगे ।।
पहुंचकर मुकाम पर खुशियाँ बाट जायेंगे।।
मेरे खुशियों की जिंदगी में।।
 चाँद तारों का बसेरा है। 
कविः - संजय कुमार ,कक्षा - 10th ,अपना घर, कानपुर,
 
 

कवि परिचय : - ये संजय कुमार है। जो झारखण्ड के रहने वाले है। ये कानपुर में अपना घर नमक हॉस्टल रहकर अपनी पढ़ाई कर रहे है। इन्हे कविता लिखना बहुत पसन्द है।

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