" मौसम मस्ताना हो चला है "
मौसम मस्ताना हो चला है।
बारिश का स्तर बढ़ चला है।।
रिमझिम - रिमझिम बरस रहा है।
काली घटा का बवन्डर मड़रा रहा है।।
नदी तालाब सब भर चला है।
पूरे शहर में सड़कों पर पानी भर चला है।।
नदियों का स्तर बढ़ चला है।
किनारे पड़े घर फसल बह चला।।
नदियों का स्तर बढ़ चला है ।
मौसम मस्ताना हो चला है।।
हर तरफ हरियाली बढ़ चला है।।
मौसम मस्ताना हो चला है।
कविः - प्रांजुल कुमार ,कक्षा - 11th , अपना घर ,कानपुर ,
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