" खुश रहो बहन और भाई "
खुश रहो बहन और भाई ,
ये समय नहीं आयेगा दुबारा |
तो तोडा मुस्कुरा भी दो ,
औरो की चेहरे पर चार चाँद लगा भी दो |
खुश रहो बहन और भाई ,
ये समय नहीं आयेगा दुबारा |
ये समय है अपने आप को बनाने का ,
हर मंजिल को है पाने का |
खुश रहो बहन और भाई ,
ये समय नहीं आयेगा दुबारा |
कवि : सार्थक कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें