"दशहरा "
हर साल की तरह इस बार भी दशहरा आया।
लेकिन मेला कही नजर नहीं पाया।।
चाऊमीन बरगर याद तो बहुत आयी।
लेकिन कोरोना होने का डर बहुत सतायी।।
घर पर ही रह कर हम लोगो ने दशहरा मनायी।
हर साल की तरह इस बार भी दशहरा आया।।
कोरोना ने भी अपना दम दिखया।
रावण को जलने से बचाया।।
हर साल की तरह इस बार भी दशहरा आया।
कविः - कामता कुमार ,कक्षा -9th ,अपना घर ,कानपुर ,
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