" हरे रंग की पत्तियाँ "
हरे रंग की पत्तियाँ ,
खुछ बता रही हैं |
मुस्कुराने की वजह अपनी ,
सबको बता रही हैं |
ये पत्तिया लगती हैं ,
मुस्कुरा रही हैं |
ढलते हुए मौसम में ,
पंख फैला रही हैं |
लगती अपनी धुन में ,
सबको गीत सुना रही हैं |
सबका मन भला रही हैं ,
कवि : विक्रम कुमार , कक्षा : 10th , अपना घर
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