"एक नया संसार बना लूँ "
एक नया संसार बना लूँ |
इस जहा को अपना यार बनालू ,
जग में कुछ मेरा नाम हो |
एक अनोखा काम हो ,
जातिया हमारी एक हो |
सब को यही जता दू ,
सपनों के जैसा हो |
किसी चीज की कमी ना हो ,
एक नया संसार बना लूँ |
कवि : रोहित कुमार , कक्षा : 4th
अपना घर
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें