"काश पेड़ हमारे बराबर होते "
काश पेड़ हमारे बराबर होते |
जब मन चाहता चिड़ियो के घोंसले में झाँक लेते ,
जब मन जब पेड़ से फल तोड़ लेते |
चिड़ियो के बच्चो से उनके बचपन में ही पहचान हो जाती ,
चिड़िया हमें जानती और पहचानतीं |
उनके बच्चे के साथ खेला करते ,
भूख लगे तो उसे खिला देते |
काश पेड़ हमारे बराबर होते ,
कवि : राहुल कुमार , कक्षा : 8th
अपना घर
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