" मै निकला हूँ अपने तलाश में "
मै निकला हूँ अपने तलाश में |
कोई नजर नहीं आता आस -पास में ,
कहाँ खो बैठा उनको |
जो रहता था मेरे पास में ,
मै निकला हूँ अपने तलाश में |
भूखें प्यासे घूमता रहता हूँ ,
खोंजने की कोशिश करता हूँ |
मैं रहना चाहता था उसके पास में ,
लेकिन मै निकला हूँ अपने तलाश में |
कवि : रविकिशन कुमार , कक्षा :12th
अपना घर
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